अयोध्या
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टियों की चार अप्रैल को अयोध्या में होने जा रही बैठक में गर्भगृह के मूल स्थान पर भूमि पूजन की तिथि तय हो जाएगी। इसके लिए अंदरखाने तेजी से तैयारियां चल रही हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने चार अप्रैल की बैठक का एक सूत्री एजेण्डा जारी कर दिया है।
बैठक का स्थान अयोध्या में अभी तय नहीं है लेकिन समय अपराह्न दो से सायं पांच बजे तक निर्धारित है। बैठक से पहले बोर्ड ऑफ ट्रस्टी विराजमान रामलला का एक साथ दर्शन करेंगे। वहीं सायं मां सरयू की आरती भी करने जाएंगे। श्री राय ने एजेण्डा जारी करने के साथ ही प्रदेश से बाहर रहने वाले ट्रस्टियों से एक दिन पूर्व लखनऊ पहुंचने का आग्रह किया है। इन ट्रस्टियों को लखनऊ से अयोध्या लाया जाएगा।
24 को आएंगे सीएम योगी आदित्यनाथ
रामजन्मभूमि में निर्माण कार्य प्रारम्भ कराने के लिए विराजमान रामलला को परिसर में ही निर्धारित स्थान पर मंदिर निर्माण तक प्रतिष्ठित करने का कार्य नवसंवत्सर के एक दिन पहले किया जाएगा। 25 मार्च को नवरात्र शुरू होगा। एक दिन पूर्व अमावस्या के चलते भगवान की प्रतिष्ठा शुभ मुहूर्त में चतुर्दशी को ही ब्रह्ममुहूर्त में कर दी जाएगी। इसकी तैयारी भी चल रही है। रामलला की प्रतिष्ठा की बेला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री का अभी अधिकृत कार्यक्रम नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री का आगमन तय है। वह यहां 24 मार्च को रात्रि विश्राम करेंगे और प्रात: नवरात्र के प्रथम दिन रामलला का दर्शन करेंगे।
चम्पत राय व डॉ. अनिल मिश्र बंगलुरु रवाना
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 15 मार्च से बंगलुरु के चेननहल्ली में प्रस्तावित है। इसमें चंपत राय और दूसरे ट्रस्टी एवं संघ के अवध प्रांत के कार्यवाह डॉ. अनिल मिश्र भाग लेंगे। श्री राय नई दिल्ली से बंगलुरु के लिए प्रस्थान करेंगे तो डॉ. मिश्र गुरुवार को बंगलुरु के लिए रवाना हो गए हैं। 17 मार्च तक चलने वाली बैठक में संघ के सांगठनिक विषयों के अतिरिक्त राम मंदिर निर्माण का विषय भी प्रमुखता से शामिल होगा। ऐसी स्थिति में निर्माण कार्य की प्रगति एवं भावी योजना की रूपरेखा की जानकारी श्री राय संघ के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इसके पहले निर्माण समिति के चेयरमैन व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नृपेन्द्र मिश्र संघ प्रमुख मोहन भागवत से भेंट कर भावी योजना का खाका उनके सामने प्रस्तुत कर चुके हैं।