चांद को प्रणाम: हर्ष, सौम्या और अमिताभ… हमें गर्व है आप पर

पटना
चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर भले ही चांद की सतह पर उतरने में नाकाम रहा हो, लेकिन इसके बावजूद इसरो ने इस मिशन में जितने चरण पूरे किये हैं वो किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं। गया की सौम्या और दानापुर के हर्ष प्रकाश भी इसरो के कठिन क्विज कांटेस्ट में भाग लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के साथ यह पल देखने को बेंगलुरु गए थे। उनके सगे-संबंधियों, मित्र-शिक्षकों सहित पूरे प्रदेश को गर्व है…। 

चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के शनिवार की देर रात चांद पर उतरने के प्रयास का गवाह पटना भी रहा। देर रात तक पटना के लोग इसकी लैंडिंग के बारे में जानकारी लेते दिखे। हालांकि लैंडिंग के सफल नहीं हो पाने का अफसोस भी लोगों में देखा गया।
इससे पूर्व दिन में लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने इसरो के मुख्यालय गए हर्ष प्रकाश के स्कूल ओपन बिड़ला स्कूल में छात्रों में खुशी का माहौल था।

पटना का 11 साल का हर्ष प्रकाश देश के चंद बच्चों में शामिल है, जिसे इसरो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीधा प्रसारण देखने का मौका मिला है। पह ओपन बिड़ला स्कूल, दानापुर का आठवीं का छात्र है। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने की खुशी उसके परिवार में भी दिखी। परिवार दानापुर में ही रहता है। उसने शुक्रवार रात पीएम व इसरो के वैज्ञानिकों के साथ  बितायी। हर्ष प्रकाश के अलावा बोधगया की सौम्या को भी यह मौका मिला। इसके लिए देशभर में इसरो ने क्विज कांटेस्ट कराया था। हर्ष प्रकाश ने बताया कि यह कांटेस्ट एक सितंबर को हुआ था। इसमें 20 मिनट में 20 सवालों का जवाब ऑनलाइन देना था। हर्ष ने 10 मिनट में ही सवालों का जवाब दे दिया था।

सभी बच्चे चार सितंबर को ही पहुंच गए थे इसरो 
चंद्रयान-2 विक्रम का सीधा प्रसारण देखने को 4 सितंबर को ही सभी छात्र इसरो पहुंच गये थे। चंद्रयान-2 विक्रम को चांद की सतह पर उतरना था। इसके लिए एक दिन पहले ही सभी बच्चों को बुला लिया गया था। 

हर्ष के स्कूल में बच्चों को दी गई चंद्रयान-2 की जानकारी 
हर्ष प्रकाश के चयन होने के बाद से ही स्कूल में अन्य बच्चे काफी खुश हैं। पूरे स्कूल में एक उत्सव का माहौल है। शनिवार को स्कूल में सभी बच्चों को चंद्रयान-2 की पूरी जानकारी भी दी गयी। प्राचार्य सोविका यादव ने कहा कि स्कूल के बच्चे के चुने जाने से सभी बच्चे व शिक्षक काफी खुश थे।

सौम्या बोली-हम होंगे कामयाब
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम चंद्रमा पर सफल लैंडिंग नहीं होने के बाद बिहार की बेटी सौम्या ने कहा कि हम अगली बार कामयाब होंगे। गया की सौम्या भी बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यायल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान की लाइव लैंडिंग के दौरान मौजूद रही। 

लैंडिंग से पूर्व ‘हिंदुस्तान’ से विशेष बातचीत में सौम्या ने बताया था कि यहां का माहौल उत्सव जैसा था। सभी लोग इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को बेताब थे। यहां विभिन्नता में एकता का नजारा दिख था। देशभर से छात्र जुटे थे। भारत के अंतरिक्ष में इस ऐतिहासिक व असाधारण क्षण का गवाह बनने का सब इंतजार कर रहे थे। सौम्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने का अवसर मिलेगा, इसका यकीन नहीं था। सौम्या साइंटिस्ट बनना चाहती हैं। उसके पिता राजनंदन शर्मा ने बताया कि उन्हें करीब एक महीना पहले प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम से इसके बारे में पता चला था। अब जब बेटी चुन ली गई है तो उन्हें भी इसका गर्व है। 

सौम्या के साथ उसके पिता भी बेंगलुरु गये हैं। इसरो हेडक्वार्टर में केवल छात्र-छात्राओं को ही एंट्री दी गई। अभिभावकों को गेस्ट हाउस में रखा गया। सभी छात्रों को नासा की टोपी एवं टीशर्ट दी गई थी। सौम्या बोधगया दोमुहान स्थित अमर ज्योति स्कूल की 8वीं क्लास की छात्रा है। इससे पहले चौथी तक की शिक्षा नवादा वारिसलीगंज के एक निजी स्कूल से प्राप्त की थी। माता मोनिका बताती है कि सौम्या को 29 अगस्त को आमंत्रण आया था। अमर ज्योति स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर कविता ने बताया कि सौम्या शांत स्वभाव की छात्रा है।

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