भोपाल
शहरी क्षेत्रों से लगे ग्रामीण इलाकों में कॉलोनी बनाकर बेचना अब बिल्डर्स के लिए महंगा होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए भी अब शुल्क वसूलेगा। नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में स्थित जमीन पर कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी विकसित करने और उसे बेचने पर अब भारी-भरकम शुल्क लगने लगा है।
इसके चलते अब कॉलोनाइजर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए शहरों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों पर कॉलोनी बनाकर बेच रहे है। अभी तक शहरी क्षेत्रों से लगे ग्रामीण इलाकों में होंने वाले कॉलोनी विकास हेतु पंचायतों द्वारा निर्धारित कॉलोनाइजर शुल्क नहीं वसूला जाता था। इससे पंचायतों को राजस्व आय का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा था। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि ग्रामीण इलाकों में जो भी कॉलोनाइजर विकास कार्य कर कॉलोनी बनाकर बेचते है उनसे कॉलोनी विकास का शुल्क वसूला जाए इसके बाद ही उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। इससे पंचायतों की आमदनी बढ़ेगी।
इसके अलावा अब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आम नागरिक भी यदि गांवों में कोई मकान बनाना चाहेंगे तो उन्हें नगरीय निकायों की तर्ज पर पंचायतों से पहले नक्शा पास कराना होगा। नक्शा पास कराने के लिए भवन मालिक से निर्धारित शुल्क वसूला जाएगा। इससे पंचायतों की आमदनी बढ़ेगी। धार्मिक स्थलों से लगी दुकानों से भी पंचायतें निर्धारित शुल्क वसूल कर अपनी आय बढ़ाएंगी।