भोपाल
गोवंश की सुरक्षा को लेकर सक्रिय कमलनाथ सरकार के समक्ष चारागाह में उपलब्ध कराई जाने वाली बिजली दिक्कत बन रही है। चारागाहों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए तीनों ही बिजली कम्पनियों के अफसरों ने राज्य सरकार से 14 करोड़ रुपए की डिमांड पेश की है जिसकी पूर्ति के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अफसर अब फंड की व्यवस्था में जुट गए हैं। दरअसल वचन पत्र में गायों को लेकर किए गए वायदे में कांग्रेस ने गौशाला और गोचर भूमि के लिए काम करने का वायदा जनता से किया था। इसी कारण गौशाला के साथ चारागाहों की व्यवस्था और उपलब्धता को लेकर भी सरकार ने सक्रियता दिखाई है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ गायों की सुरक्षा और उनके संरक्षण को लेकर गौशाला बनाने तथा चारागाह तैयार करने के निर्देश अफसरों को दे चुके हैं। इसी कड़ी में जब पंचायतों में उपलब्ध चारागाहों की स्थिति का आंकलन कराया गया तो पता चला कि 14 जिले में चारागाह ही उपलब्ध नहीं हैं। जिन 38 जिलों में चारागाह की व्यवस्था है, वहां बिजली की उपलब्धता के लिए ट्रांसफार्मर लगाने और कनेक्शन देने के बदले बिजली कम्पनियों को 13.73 करोड़ रुपए से अधिक की रकम चाहिए।
गायों की सुरक्षा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ को ट्वीट किया था। इसमें हाईवे में बैठने वाली गायों की सुरक्षा का मसला उठाया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री नाथ ने इसको लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी ट्वीट के जरिये दी गई थी।
चारागाह में विद्युत प्रदाय के लिए सबसे अधिक फंड शिवपुरी, विदिशा और शाजापुर जिले को चाहिए। शिवपुरी में 31 चारागाहों के लिए 1.61 करोड़ तो विदिशा में 40 स्थानों के लिए 1.4 करोड़ और शाजापुर में 24 चारागाहों में बिजली कनेक्शन के लिए 1.01 करोड़ रुपए का प्रस्ताव आया है। नरसिंहपुर में 30 स्थानों के लिए 87.51 लाख रुपए की डिमांड बिजली कम्पनियों के इंजीनियरों द्वारा तैयार कराए गए स्टीमेट के बाद सामने आई है।