राजनीति

गोपाल भार्गव ने दिया CM हाउस के बाहर अनशन का अल्टीमेटम

भोपाल
मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अवैध उत्खनन को लेकर सियासत गरमा गई है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) ने इस सिलसिले में सीएम कमल नाथ (CM Kamal Nath) को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्‍होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रदेश में अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लगी तो वो कार्यकर्ताओं के साथ सीएम हाउस के बाहर अनशन करेंगे और ये अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लग जाती.

हालांकि गोपाल भार्गव ने ये साफ नहीं किया है कि वो अनशन कब करेंगे. जबकि उनकी इस चिट्ठी में सरकार के ही मंत्री गोविंद सिंह के उस बयान का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किए थे.

गोपाल भार्गव के मुताबिक गोविंद सिंह ने प्रदेश में अवैध उत्खनन के बारे में जो पीड़ा जाहिर की है वह उनकी अंतरात्मा की आवाज है. जबकि उन्‍होंने चिट्ठी में लिखा है कि खनन माफिया, अपराधी और गुंडे राजनीति पर हावी हो रहे हैं. इन हालातों को देखते हुए प्रदेश के हित में तुरंत अवैध उत्खनन पर फैसला लिया जाना जरूरी हो गया है. साथ ही गोपाल भार्गव ने चेतावनी दी है कि अगर अवैध उत्खनन को लेकर कार्रवाई नहीं हुई तो आगे विरोध और तेज होगा.

गोपाल भार्गव ने मुख्‍यमंत्री के नाम लिखी चिट्ठी में कई अहम सवाल खड़े किए हैं. उन्‍होंने ने कहा है कि प्रदेश की खनिज संपदा विशेषकर नदियों से निकलने वाली रेत अब सोना बन चुकी है. इस अवैध रेत उत्खनन में रसूखदार नेता, पुलिस व प्रशासन, खनिज विभाग सहित जिलों के कलेक्टर, एसपी और वरिष्ठ अधिकारी सभी शामिल हैं. जबकि प्रतिदिन लगभग एक अरब (100 करोड़) रुपए की राशि रेत के अवैध उत्खनन से कमाई जा रही है जिसमें नीचे से लेकर ऊपर तक सभी लोग इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.

यकीनन जिस तरह से रेत का कारोबार फलफूल रहा है उस लिहाज से शासन को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है. शासन के खाते में रेत से प्राप्त होने वाली वास्तविक कमाई का एक प्रतिशत ही मुश्किल से पहुंच पा रहा है. शासन एवं प्रशासन ने प्रदेश के 52 जिलों में पिछले 6 महीनों में हुई कार्यवाही में मात्र 3 करोड रुपए की वसूली की है. जबकि कम से कम जुर्माने की राशि 1 हजार गुना अधिक होकर 3 हजार करोड़ रुपए होनी थी.

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