मध्य प्रदेश

गैस पीडि़तों के लिए जानलेवा साबित हो रहा कोरोना का संक्रमण

कोरोना से मरने वाले मरीजों में 75 फीसदी गैस पीडि़त, हाइकोर्ट के आदेश का बीएमएचआरसी नहीं कर रहा पालन

भोपाल. कोरेाना के चलते शहर में मरने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यही नहीं कोरोना का संक्रमण गैस पीडि़तों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। राजधानी में कोरेाना से मरने वाले मरीजों में 75 फीसदी गैस पीडि़त हैं। यह खुलासा गैस पीडि़त संगठनों की एनालिसिस रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में 6 अप्रैल से 11 जून के बीच हुई 60 मौतों का हवाला दिया गया है, जिसमें से 48 मृतक गैस पीडि़त हैं। संगठनों से यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देते हुए आरोप लगाए हैं कि विभाग शहर के 6.5 लाख गैस पीडि़तों की सुध नहीं ले रहा।

दूसरी बीमारी हो रही गंभीर
रिपोर्ट के मुताबिक गैस पीडि़त मरीज लंग्स इंफेक्शन के साथ कई अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना का संक्रमण गैस पीडि़तों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि उम्र के साथ गैस पीडि़तों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में वायरस ज्यादा घातक हो जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से मरने वाले मरीजों में 81 फीसदी दूसरी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे।

बीएमएचआरसी में नहीं हो रही जांच
मरने वाले में पांच मामले ऐसे हैं, जो तबियत बिगडऩे पर सबसे पहले बीएमएचआरसी गए थे। लेकिन यहां कोरोना की जांच नहीं की गई, उलटा मरीज की हालत को देखते हुए उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया। हमीदिया में आकर मरीज की मौत हो गई। मालूम हो कि जबलपुर हाइकोर्ट ने बीएमएचआरसी को आदेशित किया है कि वह अस्पताल में आने वाले हर गैस पीडि़त की कोरोना जांच करेगा।

सभी को गंभीर मरीज माना जाए
कोरोना वायरस के अटैक में गैस पीडि़तों की हालत को देखते हुए पांच गैस पीडि़त संगठनों ने सरकार से मांग की है कि सभी पौने छह लाख गैस पीडि़तों को गंभीर मरीज माना जाए।, ताकि उनके इलाज को लेकर गैस पीडि़त अस्पताल और अन्य एजेंसियां लापरवाही बरतना बंद करें। इतना ही नहीं सभी को एक समान उचित मुआवजा दिया जाए।

किस उम्र में कितनी मौतें
देश भर में फैली वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण राजधानी भोपाल में गैस पीडि़त भी इससे अछूते नहीं रहे। इसमें हुई मौतों में 35 से 40 वर्ष की उम्र के बीच 9 लोगों की मौतें हुई हैं। वहीं 41 से 59 वर्ष की उम्र के लोगों की 14 मौत होने के साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की 25 मौतें हुई हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वाले लोगों में 75 फीसदी मृतक गैस पीडि़त हैं। 5 फीसदी मृतक गैस पीडि़तों के बच्चे हैं। इनमें से 87 फीसदी मौत हमीदिया अस्पताल में हुई है। कोरोना के कारण 75 फीसदी गैस पीडि़त भर्ती के पांच दिन के अंदर ही खत्म हो गए। वहीं 81 फीसदी मृतक अन्य पुरानी बीमारियों से थे पीडि़त।

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