कोरोना संक्रमण और चुनौतियों के बीच किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं का उर्पाजन कर मध्यप्रदेश ने स्थापित किया कीर्तिमान
भोपाल. समुचित व्यवस्थाओं के बीच मध्यप्रदेश में जिस रणनीति को अपनाकर किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं का उर्पाजन किया, वह देश के लिए कीर्तिमान बन गया है। प्रदेश के अन्नदाता किसानों की मेहनत को राज्य सरकार ने जिस तरीके से संजोया उससे मध्यप्रदेश ने पंजाब राज्य को भी पछाड़ दिया है। ऑलटाईम रिकार्ड बनाने में प्रदेश के सभी जिलों के किसानों और शासकीय मशीनरी की अहम भूमिका रही है।
कोरोना संक्रमण के चलते 15 अप्रेल से शुरू किये गये उपार्जन कार्य में सरकार के सामने बड़ी चुनौतियां थी। इन चुनौतियों का सामना करते हुए मंडियों में न सिर्फ उपार्जन की व्यवस्था, बल्कि किसानों को मंडी आने की सूचना एसएमएस के माध्यम से देना, बारदाने की व्यवस्था करना, भंडारण, परिवहन के साथ भुगतान की व्यवस्था भी त्वरित गति से की गई। खरीदी के लिए पिछले वर्ष की तुलना में करीब एक हजार अतिरिक्त उपार्जन केन्द्र भी संचालित किये गये। इन सभी व्यवस्थाओं के चलते मध्यप्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर अब तक का सबसे अधिक एक करोड़ 29 लाख 34 हजार 500 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
भोपाल संभाग में सर्वाधिक 27.89 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जित
भोपाल संभाग में सबसे अधिक 27.89 लाख मीट्रिक टन गेहूं 3 लाख 6 हजार 485 किसानों के माध्यम से उपार्जित किया गया है। इसमें विदिशा में 69 हजार 2 किसानों से 7,23,710 मीट्रिक टन गेहूं, सीहोर में 81,269 किसानों से 7,43,223 मीट्रिक टन गेहूं, रायसेन में 62,128 किसानों से 6,28,634 मीट्रिक टन तथा राजगढ़ में 63,832 किसानों से 3,85,443 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
ग्वालियर संभाग
ग्वालियर जिले में 15,061 किसानों के माध्यम से 1,81,179 मीट्रिक टन गेहूं, अशोकनगर में 17,885 किसानों से 2,03515 मीट्रिक टन गेहूं, 17,885 किसानों से 2,03,515, शिवपुरी में 28,998 किसानों से 2,54,049, दतिया में 19,577 किसानों से 1,76,840 और गुना में 22,534 किसानों से 2,17,053 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
चम्बल संभाग
श्योपुर जिले में 22,627 किसानों से 2,56,318 मीट्रिक टन गेहूं, मुरैना में 14,204 किसानों से 84,229 और भिण्ड में 10,612 किसानों से 79,296 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
इंदौर संभाग
इंदौर जिले में 29,350 किसानों से 3,78,697 मीट्रिक टन गेहूं, खंडवा में 26,945 किसानों से 2,01,412, धार में 34,803 किसानों से 3,56,400, खरगौन में 25,454 किसानों से 1,55,943, बुरहानपुर में 1,176 किसानों से 4,694, अलीराजपुर में 885 किसानों से 2,507, बड़वानी में 5,446 किसानों से 33,643 तथा झाबुआ में 6,727 किसानों से 41,047 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
जबलपुर संभाग
जबलपुर जिले में 35,936 किसानों से 4,13,090 मीट्रिक टन गेहूं, सिवनी में 47,401 किसानों से 4,37,142, नरसिंहपुर में 30,941 किसानों से 2,03,022, कटनी में 32,727 किसानों से 2,10,726, छिन्दवाड़ा में 29,792 किसानों से 2,33,087, बालाघाट में 5,745 किसानों से 12,839 तथा डिंडोरी में 5,117 किसानों से 9,753 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
नर्मदापुरम संभाग
नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद जिले में 70,754 किसानों से 8,95,373 मीट्रिक टन गेहूं, हरदा में 41,385 किसानों से 4,96,004 और बैतूल में 22,072 किसानों से 1,26,724 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
रीवा संभाग
रीवा जिले में 32,856 किसानों से 1,25,593 मीट्रिक टन गेहूं, सतना में 46,100 किसानों से 3,19,442, सीधी में 8,851 किसानों से 26,873 तथा सिंगरौली में 7,100 किसानों से 22,686 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया।
सागर संभाग
सागर जिले में 66,749 किसानों के माध्यम से 49,2,127 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया। इसी प्रकार छतरपुर में 47,100 किसानों से 3,09,776 मीट्रिक टन गेहूं, दमोह में 30,741 किसानों से 2,09,607, पन्ना में 30,692 किसानों से 1,54,986, टीकमगढ़ में 38,775 किसानों से 1,77,335 तथा निवाड़ी में 8,398 किसानों से 41,511 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
शहडोल संभाग
शहडोल जिले में 8,271 किसानों से 28,575 मीट्रिक टन गेहूं, अनूपपुर में 876 किसानों से 1,832 मीट्रिक टन गेहूं तथा उमरिया में 10,848 किसानों से 40,985 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।
उज्जैन संभाग
उज्जैन जिले में 8,35,705 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन 92,798 किसानों के माध्यम से किया गया। देवास में 56,478 किसानों से 4,04,296, मंदसौर में 47,188 किसानों से 2,85,476, नीमच में 21,320 किसानों से 1,15,263, रतलाम में 33,357 किसानों से 2,39,841, शाजापुर में 56,333 किसानों से 4,09,220 तथा आगर-मालवा में 25,280 किसानों से 1,79,546 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया।