भोपाल
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश मिन्टो हॉल में 'गाँधी दर्शन-पर्यावरण और प्रकृति' विषय पर व्याख्यान देंगे। पर्यावरण एवं लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
व्याख्यान माला में महात्मा गाँधी फेलोशिप, इंदिरा गाँधी फेलोशिप और राष्ट्रीय हरित कोर से संबंधित विद्यार्थी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) ने 2 अक्टूबर 2018 से महात्मा गाँधी के विचारों पर केन्द्रित व्याख्यान माला की शुरूआत की थी। व्याख्यान माला की शुरूआत में चिंतक ध्रुव शुक्ल का 'गाँधी की पगडँडियाँ-आधुनिक विकास राहें' पर विशेष व्याख्यान हुआ था। इसके बाद उदयन वाजपेयी ने गाँधी और उनके सहचर-और श्रृंगार रस, चिन्मय मिश्र ने पर्यावरण पर संकट – बनाम गाँधी, डॉ. सुब्बाराव ने आज के समय में गाँधी विषय पर व्याख्यान दिया था। इसी श्रृंखला में इंदौर आईआईएम के डॉ. हिमांशु राय ने स्वच्छ पर्यावरण के लिये नेतृत्व और शांति विषय पर व्याख्यान दिया था। हाल ही में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अशोक खोसला ने महात्मा गाँधी-सहज प्राकृतिक प्रेमी विषय पर व्याख्यान दिया था। इसी कड़ी में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश का व्याख्यान होने जा रहा है।
एक अक्टूबर को भी होंगे कार्यक्रम
एप्को परिसर में एक अक्टूबर को महात्मा गाँधी के विचारों पर केन्द्रित कार्यशाला के सत्रों में विषय विशेषज्ञों के उद्धबोधन होंगे। इनमें बस्तर और गाँधी दर्शन, गाँधी के सपनों का भारत, आधुनिक संचार माध्यमों में गाँधी के मूल्य, गाँधी दृष्टि पर्यावरणीय संकट का स्थायी समाधान और अहिंसा एवं स्वस्थ्य जीवनशैली को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका पर व्याख्यान होंगे।
जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन के लिये एप्को को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जल मिशन के अन्तर्गत जल संसाधन स्त्रोतों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और उनका आकलन श्रेणी में पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) मध्यप्रदेश को पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पिछले दिनों विज्ञान भवन में जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पुरस्कार प्रदान किया। कार्यपालिक संचालक जीतेन्द्र सिंह राजे ने बताया कि 2 लाख रूपये की पुरस्कार राशि को बाढ़ राहत के लिये मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया गया है।
मध्यप्रदेश के 51 जिलों में जलवायु परिवर्तन की वजह से जल-संसाधन, वन, कृषि और मानव स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव का आकलन किया गया है। इस अध्ययन में वैज्ञानिक दृष्टि से यह अनुमान लगाया गया है कि निकट और दूर भविष्य में मध्यप्रदेश के किन जिलों में पानी की समस्याएँ अधिक रहेंगी और जल-आपूर्ति की दृष्टि से कौन-से जिले संवेदनशील रहेंगे। इस अध्ययन के सन्दर्भ को लेकर मध्यप्रदेश में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी परियोजनाओं का निर्माण कार्य भी एप्को द्वारा किया जा रहा है।