गया आने वाले पिंडदानी हमारे ब्रांड एम्बेसडर: सुशील मोदी

गया                                                                                 
झारखंड के अलग होने के बाद कहा गया कि बिहार में क्या बचेगा। सारी खनिज संपदा चली गई। लेकिन, हमारे पास विष्णु, बुद्ध व महावीर हैं। जैन धर्म के लोग पावापुरी, बौद्ध धर्म वाले बोधगया और पितरों के लिए गयाजी आते हैं। पूरे इलाके के कण-कण में धार्मिकता है। ये बातें सूबे के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार की शाम यहां विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला-2019 के उद्घाटन समारोह में कहीं। 

विष्णुपद मंदिर परिसर आयोजित समारोह में डिप्टी सीएम ने कहा कि गया और बोधगया के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। पीएम मोदी व नीतीश की सरकार में बिहार के विकास को कोई रोक नहीं पाएगा। गया एकमात्र शहर में जिसे गयाजी कहा जाता है। गया के कारण देश नहीं विदेशों में सम्मान मिलता है। पितृपक्ष मेले की व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। सभी लोगों से आग्रह है कि तीर्थयात्रियों की सेवा करें। साफ-सफाई पर जोर दें। सड़क पर एक तिनका भी नहीं मिले। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोधगया का कायाकल्प कर दिया है। सीएम हर साल पितृपक्ष मेले की व्यवस्था देखने खुद आते हैं। पीएम पैकेज से तालाब व वेदियों को चकाचक किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐप का जमाना है। पिंडदान का ऐप है। मोबाइल पर डाउनलोड कर सारी सुविधाएं की जानकारी प्राप्त करें। 

डिप्टी सीएम ने कहा कि पितृवाटिका में 40 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है। तीर्थयात्री भी एक पौधा जरूर लगाएं। केंद्र की हृदय योजना से काफी विकास हुआ है। बोधगया में 145 करोड़ से 2500 सीट की क्षमता वाले ऑडिटोरियम का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में गया एयरपोर्ट शुरू हुआ। उसी का परिणाम है कि दिल्ली-कोलकाता के लिए हवाई सेवा है। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के निर्देश से बाढ़ से गंगा का पानी गया, नवादा और नालंदा जिला में लाया जाएगा। ब्रह्मयोनि, ढुंगेश्वरी और प्रेतशिला में रज्जूमार्ग की स्वीकृति है। जल-जीवन हरियाली पर चर्चा करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के संकट का मुकाबला किया जाएगा। जल संचय पर जोर है। एक-एक बूंद पानी को बचाया जाएगा। आहर-नहर-पोखर पर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।  ग्राउंड वाटर रिचार्ज करना होगा। बड़े पैमाने पर पौधे लगाने होंगे। अगले साल 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। पृश्वी व सृष्टि को बचाना है तो जल व हरियाली को बचाना होगा। अंत में उपमुख्यमंत्री ने तर्पण नामक स्मारिका का विमोचन भी किया। उदघाटन के पहले डिप्टी सीएम ने विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। 

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