बिलासपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और किसानों के बीच धान खरीदी (Paddy Purchase) को लेकर धमासान जारी है. राजनीतिक बयानबाजी और सियासत के बीच बिलासपुर (Bilapsur) जिले के किसानों भी अपनी मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. मालूम हो कि धान खरीदी को लेकर किसानों का विरोध लगातार जारी है. इसी सिलसिले में बुधवार को 30 से ज्यादा किसान बुधवार को कलेक्टोरेट पहुंचे. यहां गले में गमछे का फंदा बनाकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही स्थानीय प्रशासन और सरकार को किसानों (Farmer) ने एक बड़ी चेतावनी भी दे दी है. अल्टीमेटम देते हुए किसानों ने साफ कहा कि अगर धान खरीदी नहीं की गई तो फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) करने की अनुमति दे दी जाए. अपनी मांग रखते हुए किसानों ने प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा. वहीं डिप्टी कलेक्टर डी. पटेल ने किसानों द्वारा दिए गए ज्ञापन को शासन तक पहुंचा देने की बात कही है.
किसान दिलीप शर्मा और सुरेश कौशिक का आरोप है कि एक महीने पहले टोकन लेने के बाद भी आखिर तक उनका धान नहीं खरीदा गया. धान नहीं बिकने के कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. खरीदी नहीं होन से धान भी बर्बाद होने लगा है. किसानों का कहना है कि खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी बताकर उन्हें टाला जा रहा है. लगातार चक्कर काटने के बाद भी उनके एक दाने धान की खरीदी अब तक नहीं की गयी है. किसानों का कहना है कि उनके सामने अब फांसी लगाकर आत्महत्या करने के अलावा उनके पास कोई उपाय नहीं बचा है. सरकार उनके धान की खरीदी करे या फिर उन्हें फांसी लगाकर आत्महत्या करने की अनुमति दे. फिलहाल, प्रशासन ने किसानों की समस्या शासन तक पहुंचाने का आश्वशन दिया है.
वहीं बीजेपी के सौमेश तिवारी ने सरकार पर धान खरीदी के नाम पर किसानों के साथ छलावा करने का आरोप लगाया है. तो वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभयनारायण राय का कहना है की कांग्रेस की सरकार किसानों की सरकार है. अगर किसी अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण किसानों के टोकन कटने के बाद यदि उनकी धान की खरीदी नहीं हुई है,किसानों की शिकायत पर जांच कर कार्रवाई होगी और उन्हें न्याय मिलेगा.