भोपाल
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने प्रकाश तरण पुष्कर में 65वीं राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। डॉ. चौधरी ने कहा कि जीवन में खेल का भी उतना ही महत्व है, जितना पढ़ाई का है। उन्होंने कहा कि खेल ही जीवन में अनुशासन, सहयोग, सद्भाव और आपसी सहयोग की शिक्षा देते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी दिनचर्या में खेलों को जरूर शामिल करना चाहिए। खेलों में भाग लेना चाहिए, हार-जीत से डरना नहीं चाहिए।
जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि टीम भावना जीवन की कई चुनौतियों को आसान बना देती है। सभी बच्चे खेल-कूद में बढ़-चढ़ कर भाग लें। उन्होंनें बताया कि सरकार पढ़ाई के साथ खेलों के लिये भी बेहतर सुविधाएँ दे रही है।
आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने कहा कि खेल जिन्दगी को जीने का तरीका सिखाते हैं। खेल से व्यक्ति एकाग्र-चित्त, समय का पाबंद एवं स्वस्थ रहता है। उन्होंने जीवन में कठोर परिश्रम और सतत् अभ्यास का महत्व बताते हुए कहा कि किसी भी खेल का जितना ज्यादा अभ्यास किया जायेगा, उतनी ही सफलता सुनिश्चित होगी।
कार्यक्रम में खिलाड़ियों को नियम एवं विधि के अनुसार खेल भावना के साथ खेलने की शपथ दिलाई गयी। चार सौ मीटर फ्री स्टाईल तैराकी से प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। प्रतियोगितायें 17 सितम्बर तक चलेगी। इसमें तैराकी, वॉटर पोलो, तलवारबाजी और रोप स्किपिंग की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जायेंगी। प्रतियोगिता में प्रदेश के 8 संभागों के अतिरिक्त आदिवासी विकास दल की 490 छात्राएँ और 565 छात्र भाग ले रहे हैं।