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‘खेल रत्न’ दीपा बोलीं- यह अवॉर्ड महिला दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा

नई दिल्ली 
पैरालिंपिक मेडलिस्ट दीपा मलिक गुरुवार को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला पैरा ऐथलीट बन गईं। उन्होंने कहा कि यह सम्मान दिव्यांग महिला खिलाड़ियों को काफी प्रेरित करेगा। दीपा ने 2016 रियो पैरालिंपिक में गोला फेंक एफ53 में सिल्वर मेडल जीता था। दीपा ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। यह पूरी यात्रा लोगों के दिव्यांगों और दिव्यांग लोगों की छुपी काबिलियत के प्रति लोगों के रवैये को बदलने के बारे में रही है। यह पुरस्कार महिला दिव्यांग खिलाड़ियों को काफी प्रेरित करेगा। स्वतंत्र भारत को पैरालिंपिक में पदक जीतने में 70 साल लगे।’ अगले महीने 49 साल की होने जा रहीं दीपा इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को जीतने वालीं सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी हैं। हरियाणा की दीपा को एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के चैंपियन पूनिया के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया गया जो कजाकिस्तान में होने वाली आगामी चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटे हैं। 

पैराऐथलीट झाझरिया भी खेल रत्न 
दीपा इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को हासिल करने वाली दूसरी पैरा ऐथलीट बन गईं। पैरालिंपिक का दोहरा स्वर्ण पदक जीतने वाले भाला फेंक ऐथलीट देवेंद्र झझरिया को 2017 में इससे सम्मानित किया गया था। दीपा चौथी बार भाग्यशाली रहीं क्योंकि पिछले तीन साल उनके नाम की अनदेखी की गई जिस पर उन्होंने सवाल उठाए और फैसले की आलोचना की। राष्ट्रीय खेल पुरस्कार हर साल 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर दिए जाते हैं। 

गुरप्रीत ने सीनियरों को समर्पित किया अर्जुन अवॉर्ड 
भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत ने कहा कि उनका अर्जुन पुरस्कार भविष्य की पीढ़ी को प्रेरित करेगा। गुरप्रीत ने कहा, ‘मैं इस पुरस्कार को सीनियर खिलाड़ियों को समर्पित करना चाहता हूं जिन्होंने मेरे लिए यह संभव कराया। यह पुरस्कार भारतीय फुटबॉल की भविष्य की पीढ़ी के लिए है। मुझे उम्मीद है कि यह उन्हें प्रेरित करेगा’ 

स्वप्ना बोलीं- सपना सच होने जैसा 
हेप्टैथलीट स्वप्ना बर्मन ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार जीतना उनके लिए सपने के साकार होने जैसा है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय ऐथलेटिक्स महासंघ को शुक्रिया करना चाहूंगी कि उन्होंने मेरे नाम की सिफारिश की। यह पुरस्कार मुझे भविष्य में बड़ी चीजें हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा।’ खेल रत्न में 7.5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि जबकि अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वालों को प्रशस्ति पत्र के साथ 5-5 लाख रुपये दिए जाते हैं। 

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