नई दिल्ली
न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा. भारत को विकेटों के लिहाज से दिसंबर 2013 के बाद सबसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. 2013 में डरबन टेस्ट में साउथ अफ्रीका ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम को 10 विकेट से शिकस्त दी थी.
विकेट की तलाश में बुमराह
दो मैचों की टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड ने 1-0 से बढ़त बनाई है. पहले टेस्ट में टीम इंडिया के बल्लेबाजों के घटिया प्रदर्शन के बाद गेंदबाजों ने भी निराश किया था, खासकर जसप्रीत बुमराह ने, जो टीम इंडिया को अधिकतर मौकों पर हारी हुई बाजी जिताते थे. पहले टेस्ट मैच में बुमराह सही लेंथ नहीं तलाश सके जो कभी ज्यादा फुल लेंथ तो कभी शॉर्ट गेंद ही डालते रहे. वेलिंग्टन टेस्ट मैच में बुमराह की बेअसर गेंदबाजी का न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने फायदा उठाया और काफी रन बनाए.
नहीं चले बुमराह तो होगा 2-0!
दूसरे टेस्ट में भी अगर जसप्रीत बुमराह का यही प्रदर्शन जारी रहा तो भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ 2-0 से हार का सामना करना पड़ सकता है. दूसरा टेस्ट मैच 29 फरवरी से खेला जाएगा. जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में बुमराह ने पीठ की चोट से उबरने के बाद वापसी की थी, लेकिन वापसी के बाद से ही उनका प्रदर्शन असरदार नहीं रहा.
प्रदर्शन पर सवाल
टेस्ट सीरीज से पहले वनडे सीरीज में इस गेंदबाज के आउट ऑफ फॉर्म होने के कारण टीम इंडिया को 31 साल में पहली बार वनडे सीरीज में व्हाइटवॉश का सामना करना पड़ा. बल्लेबाजों के लिए काल माने जाने वाले जसप्रीत बुमराह पहली बार किसी सीरीज में खाली हाथ रहे.
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में खाली हाथ रहने वाले भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पहले टेस्ट मैच में भी फीके रहे. इस मैच में बुमराह को सिर्फ एक ही विकेट मिला. ऐसे प्रदर्शन के बाद अब जसप्रीत बुमराह पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.