भोपाल
खटलापुरा नाव हादसे (Khatalpura boat accident) के बाद से ही प्रशासन हर स्तर पर अलर्ट है. इसी वजह से तालाबों में अवैध बोट संचालन पर नकेल कसने की तैयारी भी है और राजधानी भोपाल (Bhopal) में बोट क्लब के साथ ही छोटे तालाब और अन्य घाटों पर चलने वाली नावों का रजिस्ट्रेशन (Boat Registration) किया जा रहा है. इस दौरान हर संचालक का एक आईडी नंबर जनरेट किया जाएगा, जो कि बोट रजिस्ट्रेशन नंबर होगा.
खटलापुरा हादसे के तीन बाद से ही प्रशासन हरकत में है. हादसे के बाद निगम प्रशासन ने नावों का रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में बोट क्लब पर नावों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, तो वहीं नाविकों से पूरी जानकारी भी ली जा रही है. इसके अलावा काली मंदिर और छोटा तालाब पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. वहीं रजिस्ट्रेशन होने के बाद नाविकों को रजिस्ट्रेशन नंबर अलॉट किए जाएंगे, जिसमें चालक का नाम भी बोट पर अंकित रहेगा.
हादसे के बाद निजी बोट संचालकों पर नगर निगम प्रशासन की पैनी नजर है. अवैध बोट संचालन पर लगाम लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन का कदम उठाया जा रहा है और अब तक बोट क्लब पर 50 से ज्यादा संचालकों ने अपनी नावों का रजिस्ट्रेशन कराया है. जबकि बोट संचालकों को लाइफ जैकेट भी दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर बिना लाइफ जैकेट के बोट लेकर तालाब में उतरे या लोगों को लेकर गए तो रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा.
नाव संचालकों ने भी रजिस्ट्रेशन में रूचि दिखाई है. रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बोट संचालक खुद पहुंच रहे हैं. जहां पर वो पूरी जानकारी के साथ रजिस्ट्रेशन करा रहे है. इस पर उनका कहना है कि सही बात है रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. अगर लाइफ जैकेट की बात है तो वो भी पहनेंगे.
नगर निगम प्रशासन हादसे के बाद से हर बोट की निगरानी करेगा. बोट संचालकों को रजिस्ट्रेशन नंबर अलॉट होने के बाद निगरानी भी की जाएगी. निगम कर्मी तालाब के साथ ही मुख्य घाटों पर तैनात रहेंगे, जहां पर बोट संचालक लाइफ जैकेट पहने हैं या नहीं, लोगों को लाइफ जैकेट के साथ तालाब में ले जा रहे हैं या नहीं इसकी मॉनिटरिंग की जाएंगी. इसके अलावा नाव की फिटनेस भी जांची परखी जा रही है. नाव कितनी पुरानी है या फिर नाव सुरक्षा के तय मापदंडों को पूरा कर रही है या नहीं. बोट की क्षमता क्या है. इसके बाद ही उसे तालाब में उतारा जाएगा.