मध्य प्रदेश

खजाना भरने के लिए शराब की नई दुकाने खोलने का इरादा

भोपाल
 मध्य प्रदेश की वित्तीय हालत में सुधार करने के लिए कमलनाथ सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। प्रदेश में बीते 9 साल से शराब की नई दुकाने नहीं खोली गईं है। लेकिन अब आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार शराब की नई दुकाने खोलने का इरादा कर रही है। कैबिनेट बैठक में आबकारी विभाग ने 6 महीने पहले यह प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन तब सीएम कमलनाथ ने इस इपर रोक लगादी थी। लेकिन अब इस प्रस्ताव को मंज़ूरी के लिए पेश नहीं किया जाएगा बल्की इसे सीधे मंजूरी दे कर कैबिनेट में भेजा जाएगा। शराब ठेकेदार दुकानें खोलने में सक्षम होंगे यदि शहर के क्षेत्र में पांच किमी के भीतर और ग्रामीण क्षेत्र में 10 किमी के भीतर ऐसा कोई आउटलेट नहीं है।

ऐसी दुकानों को खोलने के लिए वार्षिक भुगतान भी निर्धारित किया गया है।  यदि दुकान की वार्षिक कीमत 2 करोड़ रुपये है, तो एक ठेकेदार को वार्षिक मूल्य का 15% अतिरिक्त भुगतान करना होगा।  यदि कीमत 2 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये के बीच है, तो अतिरिक्त भुगतान 15% दो करोड़ तक और बाकी के लिए दस फीसदी रहेगा। यदि दुकान की कीमत 5 करोड़ से अधिक है तो फिर ठेकेदार को दो करोड़ तक के लिए 15 फीसदी और तीन करोड़ के लिए दस फीसदी अतिरक्त भुगतान करना होगा। बाकी के लिए, 5% अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा।

2011 में, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में नई शराब की दुकानें नहीं खोलने का फैसला किया, इसलिए कोई नई दुकान नहीं लगाई गई। 2018 में, चौहान ने नर्मदा के पांच किमी के भीतर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और वहां शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला किया। विदेशी शराब की 1,061 दुकानें और देशी शराब की 2,544 दुकानें हैं। नतीजतन, शराब की दुकानें खोलने के निर्णय के बाद, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों की संख्या में वृद्धि होगी। आबकारी विभाग का लक्ष्य 13,000 करोड़ रुपये एकत्र करना है। लेकिन वर्तमान स्थिति में, मार्च तक लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन सरकार ने अपनी कमाई को बढ़ावा देने के लिए शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है।

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