क्रिसमस पर दलाई लामा ने क्या संदेश दिया- ‘हमारे पास सच की ताकत, चीन के पास बंदूक की’

 बिहार 
तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा ने कहा है कि हमारे पास सच्चाई की ताकत है, जबकि चाइनीज कम्यूनिस्ट के पास बंदूक की ताकत है। दलाई लामा ने कहा कि अहिंसा और करुणा दुनियां की जरूरत बन गई है। शांति की रास्ते पर चलकर ही अमन और तरक्की की कल्पना की जा सकती है। बुधवार को दलाई लामा महाबोधि मंदिर पहुंचे और भगवान बुद्ध को नमन किया। गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना करने के बाद पवित्र महाबोधि वृक्ष का भी दर्शन और नमन किया। दलाई लामा 14 दिवसीय प्रवास पर मंगलवार को बोधगया पहुंचे हैं। 2 जनवरी से दलाई लामा कालचक्र मैदान में विशेष शैक्षणिक सत्र का अगुवाई करेंगे।

दलाई लामा ने महाबोधि मंदिर में एक घंटे से ज्यादा समय तक पूजा अर्चना की। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष सूत्तपात पाठ की और दुनियां को विश्व शांति का संदेश दिया। दलाई लामा ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। महाबोधि मंदिर से बाहर निकलने के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि भारत में सर्वधर्म सद्भाव की परंपरा रही है। यहां से कई धर्मों का उदय हुआ। बावजूद यहां एक दूसरे में एकजुटता मिशाल है। जो किसी भी देश में नही है। सभी धर्मों के धर्मगुरुओं को इस परंपरा को संजोने और संरक्षित रखने की जरूरत है। 
 
उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय ज्ञान बहुत उपयोगी है। अहिंसा और करुणा दुनियां को अपनाना चाहिए और भारत को भी। आधुनिक भारत मे इस ज्ञान को पुनः स्थापित करना जरूरी है। फिर से इस ज्ञान को जागृत करना मानवीय जरूरत बन गई है। ताकि भारत आधुनिक शिक्षा और प्राचीन शिक्षा को एक साथ ला सके। यह आंतरिक शांति की जरूरत है। भारतीय समाज सेक्युलर है। पूरे दुनियां को अहिंसा और करुणा का रास्ता अपनाना चाहिए।

इससे पहले धर्मगुरु दलाई लामा मंगलवार को मुंबई से बोधगया पहुंचे, जहां उनका परंपरागत तरीके से भव्य स्वागत किया गया। 12: 35 बजे विशेष फ्लाइट से गया एयरपोर्ट उतरे। वहां जिला प्रशासन की ओर से डीएम अभिषेक सिंह व एसएसपी राजीव मिश्रा ने गया एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया।

एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा घेरे में प्रवास स्थल तिब्बत मोनास्ट्री पहुंचे। धर्मगुरु के स्वागत में श्रद्धालु घंटों से कतारबद्ध खड़े रहे। दलाई लामा को देखते ही उनकी आंखें नम हो गईं। आंखों में अपने धर्मगुरु का इंतजार लिये सुबह साढ़े आठ बजे से ही श्रद्धालु लाइन में खड़े होकर अपने धर्मगुरु का इंतजार करते रहे। श्रद्धालुओं ने अपने हाथों में खादा और फूल लेकर धर्मगुरु की आगवानी की। दलाई लामा ने हाथ हिलाकर सड़क किनारे खड़े श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। उनकी गाड़ी सीधे तिब्बत मोनेस्ट्री के अंदर चली गई। सुरक्षा कारणों से यहां किसी को जाने की इजाजत नहीं है। 

दलाईलामा के आवासन स्थल तिब्बत मंदिर की सुरक्षा की कमान अर्द्धसैनिक बल ने संभाल रखी है। इसके अलावा दलाई लामा के निजी सुरक्षाकर्मी प्रवेश द्वार से लेकर आवासन स्थल में चारों ओर तैनात हैं। 

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