ऐसा कई बार होता है कि हमारी स्किन ग्लो कर रही है, बाल पर्फेक्ट हैं और शीशे में हम काफी अच्छे दिख रहे हैं। तभी हम मोबाइल का फ्रंट कैमरा खोलते हैं तो कॉन्फिडेंस तुरंत कम होने लगता है। अब सवाल यह उठता है कि शीशे और स्मार्टफोन के चेहरे में इतना फर्क क्यों दिखता है? अगर ऐसा होता है तो अपनी ब्यूटी को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं यहां जानें वजह…
शीशा होता है फैमिलियर
हमारी आंखों के लिए चेहरे की सबसे फैमिलियर इमेज वह होती है जो हम शीशे में देखते हैं। शीशे में देखकर हम ब्रश करते हैं, कंघा करते हैं, मेकअप करते हैं और तैयार भी होते हैं। आप इस चेहरे के इतने आदी होते हैं कि जब इसकी रिवर्स इमेज देखते हैं तो अनकंफर्टेबल हो जाते हैं।
सिमिट्री का भी रोल
इस वजह से हर दिन जो इमेज आप शीशे में देखते हैं उसे ही असली मानते हैं और खूबसूरत मानते हैं। इसलिए हो सकता है कि आपको लगे कि आप कम फोटोजेनिक हैं। फोटोज खूबसूरत दिखाने में फेस की सिमिट्री का भी रोल होता है। इसलिए अगर आपका फेस सिमिट्रिकल नहीं है तो आपको कैंडिड तस्वीरें कई बार अच्छी नहीं लगेंगी।
तस्वीर में दिखता है 2D वर्जन
आप कई बार एक से ज्यादा तस्वीरें खींचते हैं और उनमें से बेस्ट सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं। यह भी समझना जरूरी है कि तस्वीर में हमारा 2-D वर्जन दिखता है। इसका नतीजा यह होता है कि कैमरा ऐंगल से आपके कुछ फीचर्स गड़बड़ दिख सकते हैं।
सही फोटो के लिए ये सब चीजें जिम्मेदार
याद रखें कि अच्छी फोटोज, अच्छी लाइट, सही ऐंगल और पर्फेक्ट पोज देने से आती हैं। आपके कैमरे की तेज फ्लैशलाइट आपके चेहरे की उन सारी चीजों को हाइलाइट कर सकती है जो आपको नहीं पसंद हैं। इसलिए नैचरल लाइट में तस्वीरें खींचें।