राजनीति

क्या फिर पलटेगी महाराष्ट्र की बाजी? BJP का सिरदर्द बढ़ा सकता है सीटों का ये गणित

 
नई दिल्ली 

 महाराष्ट्र की राजनीति कर्नाटक के नाटक से भी बड़ा होता दिख रहा है. सरकार बनाने से इनकार करने के करीब 16 दिन बाद देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार की सुबह अचानक दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. फडणवीस का शपथ लेना था कि एक साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी हरकत में आईं और अपने-अपने विधायकों को संजोने में लग गई.

सबसे बड़ी टूट का कहर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर गिरना था, लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार ने आनन-फानन में अपने विधायकों की अहम बैठक बुलाई और इस बैठक में उनके 54 में से 42 विधायक शामिल हुए. बैठक में अजित पवार को हटाकर पार्टी के विधायक दल के नए नेता बनाए गए जयंत पाटील ने कहा कि आज की बैठक में 42 विधायक शामिल हुए जबकि 7 संपर्क में हैं, रविवार को होने वाली एक और बैठक में 49 विधायक शामिल होंगे.

शरद पवार ने बचा ली पार्टी?
अगर एनसीपी के दावे को सही माना जाए तो पार्टी में बड़ी टूट का संकट खत्म हो गया है, ऐसे में एनसीपी का बड़ा सिरदर्द तो दूर हो गया और यह सिरदर्द बीजेपी के ऊपर आ गया. बीजेपी के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 विधायक ही हैं. सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन चाहिए और लेकिन वह इस जादुई अंक से 40 कदम दूर है.

अगर एनसीपी के दावों पर विश्वास किया जाए तो 54 में से 49 विधायक उसके साथ हैं तो सिर्फ 5 विधायकों के दम पर बीजेपी कैसे फ्लोर टेस्ट पर पास होगी.

सरकार बनते ही कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी अपने-अपने विधायकों को बचाने की कोशिश में जुट गईं. कांग्रेस ने तो अपने विधायकों को जयपुर भेज दिया जबकि पहले उसकी योजना भोपाल भेजने की थी. शिवसेना भी अपने विधायकों पर नजर बनाए हुए है.

ये है सीटों का गणित?
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जहां 105 सीटें मिली थी तो शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली थीं. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में जुटी थी. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि इस गठबंधन के पास 156 से ज्यादा विधायक हैं और निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल है. इस तरह से हमारे पास करीब 170 विधायकों का समर्थन है.

शनिवार की सुबह जिस तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम में बदलाव आया उसने अब तक अगर-मगर कर रहे तीनों दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को एकजुट तो कर ही दिया है. तीनों दलों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि रविवार को ही फ्लोर टेस्ट कराया जाए. साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई जिसमें उन्होंने सूबे में सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था. सुप्रीम कोर्ट में रविवार सुबह 11:30 बजे महाराष्ट्र मामले की सुनवाई होगी.

बीजेपी की अगली चाल पर नजर
अगर सबकी नजर देश की सबसे बड़ी अदालत की ओर लगी है कि वहां से किस तरह का फैसला आता है. अगर कोर्ट जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने को कहता है तो बीजेपी के लिए यह जादुई आंकड़ा जुटाना बेहद कठिन होगा. पिछले साल कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट में किरकिरी का सामना करने के बाद बीजेपी चाहेगी कि फिर इस तरह की अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े.

हालांकि बीजेपी की अगली चाल क्या होगी यह किसी को नहीं मालूम, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति कर्नाटक की राजनीति से ज्यादा दिलचस्प होती जा रही है. सबकी नजर अब बीजेपी की उस अगली चाल पर है जो उसको सत्ता में बनाए रखे.

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