मुंबई
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए एयर इंडिया के 10 क्रू मेंबर्स को निगरानी (क्वैरंटाइन) में रखने का फैसला किया गया है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि 25 फरवरी को विएना से दिल्ली आए एयर इंडिया के एआई 154 विमान में एक यात्री का सैंपल टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है.
यह फैसला तब लिया गया जब सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की पुष्टि की. मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "सीओवीआईडी-19 संक्रमण का एक मामला दिल्ली और एक तेलंगाना से सामने आया है. दिल्ली वाला मरीज इटली गया था, जबकि तेलंगाना वाला मरीज पूर्व में दुबई की यात्रा कर चुका है." मंत्रालय की इस पुष्टि के बाद यह फैसला हुआ कि विएना-दिल्ली एयर इंडिया विमान के 10 क्रू मेंबर्स को उनके घर में 14 दिन के लिए निगरानी में रखा जाएगा. दिल्ली में जिस मरीज का पता चला है, वह इसी विमान में सवार था. 25 फरवरी को इस विमान ने विएना से दिल्ली की उड़ान भरी थी.
एक बयान में कहा गया है कि 25 फरवरी की विएना-दिल्ली फ्लाइट के क्रू मेंबर्स अपने-अपने घरों में 14 दिनों तक निगरानी (अलग-थलग) में रहेंगे. यदि इस अवधि के दौरान उनमें कोरोना वायरस संक्रमण के कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना होगा. एयर इंडिया के अधिकारियों ने कहा, "यात्री (कोविड 19 से संक्रमित) ने सड़क से इटली की यात्रा की थी. उसने 25 फरवरी को विएना-दिल्ली की उड़ान भरी थी.
इससे पहले भारत में केरल के तीन व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे, लेकिन स्वस्थ होने के बाद तीनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. बीमारी को नियंत्रित करने के लिए भारत में 21 अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर दो हजार से अधिक लोगों की जांच की गई है. भारत सरकार तीन बार भारतीय छात्रों सहित अन्य विदेशी नागरिकों को चीन से सुरक्षित स्वदेश लेकर आई है. बता दें, कोरोना वायरस के केंद्र बन चुके चीन के वुहान प्रांत से लाए गए संदिग्ध लोगों को सेना और आईटीबीपी के छावला और मानेसर स्थिति कैंपों में अलग से शिविर ला कर रखा गया था.