मुंबई
चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस का कहर भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजार में बढ़ता जा रहा है. इस वायरस की वजह से अमेरिका के शेयर बाजार सूचकांक डाउ जोन्स और एसएंडपी ने गुरुवार को ऐतिहासिक गिरावट देखी.
US में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग
हालात इतने बदतर हो गए कि डाउ जोन्स में ट्रेडिंग 15 मिनट के लिए रोक देनी पड़ी. मतलब ये कि अमेरिकी शेयर बाजार में 15 मिनट के लिए किसी भी तरह का कारोबार नहीं हुआ. हालांकि, स्थिति सामान्य होने पर एक बार फिर कारोबार की शुरुआत हुई. अंत में डाउ जोन्स 10 फीसदी यानी 2,352.60 अंक लुढ़क कर 21,200.62 अंक के स्तर पर बंद हुआ. ये 1987 के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन है. इसी तरह, एसएंडपी 9.5 फीसदी लुढ़क कर बंद हुआ.
भारतीय शेयर बाजार में डर
इसका असर भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिल सकता है. इस बात की आशंका है कि सेंसेक्स एक बार फिर बड़ी गिरावट के साथ 30 हजार अंक के स्तर पर आ जाए. जबकि निफ्टी को भी बड़ा नुकसान होने का डर है. बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की वजह से पहली मौत का मामला सामने आया है. यह मौत कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई है. मृतक की उम्र 76 साल बताई जा रही है. मरीज सऊदी अरब से लौटा था. वहीं, देश में अब तक कोरोना वायरस के 75 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
आरबीआई ने संभाला मोर्चा
हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हालात से निपटने के लिए मोर्चा संभाला है. दरअसल, आरबीआई ने बाजार को 2 अरब डॉलर (14000 करोड़ रुपये) की मदद का ऐलान किया है. केंद्रीय बैंक इस राशि को डॉलर-रुपया स्वाइप विंडो के जरिए बाजार में लगाएगा.
लोअर सर्किट की थी आशंका
इससे पहले, गुरुवार को सेंसेक्स ने अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी. सेंसेक्स 2,919.26 अंक या 8.18 प्रतिशत टूटकर 32,778.14 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी की बात करें तो 868.25 अंक यानी 8.30 फीसदी लुढ़क कर 9,590.15 अंक पर रहा. कारोबार के दौरान तो सेंसेक्स 3200 अंक तक नुकसान में रहा, वहीं निफ्टी में भी करीब 1000 अंक की गिरावट दर्ज की गई. एक वक्त ऐसा लग रहा था जब बाजार में लोअर सर्किट लग जाएगा. बता दें कि शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट आती है, तो उसमें लोअर सर्किट लग जाता है और ट्रेडिंग रोक दी जाती है.