नई दिल्ली
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने देशद्रोह के चार साल पुराने एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी। कन्हैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी देने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार पर भाजपा ने हमला बोला है। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि जनता के दबाव के कारण दिल्ली सरकार को कन्हैया कुमार और नौ अन्य के खिलाफ जेएनयू राजद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देनी पड़ी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे तीन साल लटकाए रखा, लेकिन जनता के सामने आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'जनता के दबाव में, आखिरकार दिल्ली सरकार को जेएनयू मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए मजबूर होना पड़ा। तीन साल तक अरविंद केजरीवाल इसे टालते रहे लेकिन उन्हें जनता के सामने झुकना पड़ा।'
इससे पहले भी भाजपा लगातार आरोप लगाती आ रही है कि आम आदमी पार्टी सरकार कन्हैया कुमार और अन्य पर अभियोजन की स्वीकृति नहीं देकर मामले में कार्यवाही को अवरुद्ध कर रही है।
नियमों के मुताबिक जांच एजेंसियों को राजद्रोह के मामलों में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 19 फरवरी को कहा था कि वह संबंधित विभाग से कन्हैया तथा अन्य पर राजद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर त्वरित फैसला लेने को कहेंगे।
दिल्ली पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य के खिलाफ पिछले साल आरोपपत्र दाखिल किया था।
गौरतलब है कि जेएनयू के पूर्व छात्र कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य के खिलाफ आरोप है कि नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम में इन्होंने एक जुलूस की अगुवाई की और देशद्रोही नारे लगाए थे।