नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों के शामिल होने के मुद्दे पर दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई है. दिल्ली सरकार ने शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति पर अब अपने कदम पीछे खींच लिए हैं.
अब शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति को निमंत्रण में बदल दिया गया है. नए फैसले के बाद रामलीला मैदान में शिक्षकों की एंट्री के दौरान अटेंडेंस नहीं लगाए जाएंगे. चौतरफा विरोध के बाद दिल्ली सरकार ने अपने कदम पीछे खींचे हैं.
विपक्ष ने किया था फैसले का विरोध
शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को बुलाए जाने के मामले पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था. कांग्रेस और बीजेपी ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों को शिक्षकों को भेजने का आदेश दिया गया है ताकि शपथ ग्रहण के दौरान भीड़ जुटाई जा सके.