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कीटाणुशोधन कक्ष से डॉक्टर, नर्स और मरीज हो रहे सैनिटाइज

भेल भोपाल द्वारा बनाई गई इस मशीन को कस्तूरबा अस्पताल में किया गया स्थापित

भोपाल. भेल टाउनशिप स्थित कस्तूरबा अस्पताल में कीटाणुशोधन कक्ष ने काम करना शुरू कर दिया है। अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ ही डॉक्टर, नर्स सहित अन्य कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए इस मशीन को लगाया गया है। अस्पताल के मुख्य द्वारा पर लगाई गई इस मशीन से बाहर से आने वाले और अस्पताल से बाहर जाने वाले लोगों को सैनिटाइज किया जाता है।

बता दें कि मशीन की पहली सीढ़ी पर पैडल लगी हुई है, जिस पर पांव रखते ही मशीन चालू हो जाती है। इसके बाद कमरेनुमा बने इस कक्ष में लगे विभिन्न नोजलों के माध्यम से सैनिटाइज का छिड़काव शुरू हो जाता है। करीब 30 सेकंड बाद कीटाणुशोधन मशीन अपने आप बंद हो जाती है, जिसके बाद आप बाहर निकल सकते हैं।

भेल भोपाल ने किया निर्माण
भेल भोपाल के एसटीएम डिवीजन (स्टीम टरबाइन मेन्यूफैक्चरिंग) द्वारा कस्तूरबा अस्पताल के लिए कीटाणुशोधन कक्ष का निर्माण किया गया है। इसमें स्प्रे नोजल की पोजिशन ऐसी रखी गई है, जिसमें शरीर का पूरा भाग कवर होता है। देश भर में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश पर आई इस संकट की घड़ी में भेल अपने कर्मचारियों के साथ ही देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

अस्पताल में हो रहा सैनिटाइजर का उपयोग
इससे पहले भेल भोपाल सहित अन्य यूनिटों द्वारा सैनिटाइजर भी बनाया जा रहा है। भेल भोपाल द्वारा बनाए गए सैनिटाइजर का उपयोग स्थानीय अस्पतालों व डिस्पेंसरी में भी किया जा रहा है। इसके साथ ही भेल प्रशासन ने इसे अति आवश्यक सेवाओं के तहत काम करने वाले सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों को भी वितरित किया है। भेल भोपाल द्वारा भेल टाउनशिप में भी इसका छिड़काव किया जा रहा है।

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