वाराणसी
कामाख्या के किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी वाल्मीकि माई ने कहा है कि देश के 16 राज्यों में किन्नर विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय किन्नर समुदाय का सहयोग भी लिया जाएगा। सोशल मीडिया के माध्मम से हमने उनसे जुड़ने का सिलसिला शुरू भी कर दिया है। बनारस के दो दिवसीय दौरे पर आईं भवानी माई ने कहा कि देश भर के सभी किन्नर संगठन इस मुद्दे पर एकमत होकर सहयोग करने के लिए राजी हैं।
उन्होंने बताया कि किन्नर के रूप में जन्म लेने वाले बच्चों की खास शिक्षा-दीक्षा के लिए हमने इस विद्यालय की परिकल्पना की है। इस विद्यालय में प्रायोगिक और व्यावहारिक शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। प्रत्येक राज्य के शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होकर काम करेंगे। हमारे विद्यालय भी वह सभी मानक पूरे करेंगे जो सामान्य विद्यालयों में किए जाते हैं। इस विद्यालय में हम उच्च शिक्षित किन्नरों को अध्यापन और प्रबंधन का अवसर देंगे। ऐसा करने से किन्नरों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में नि:संदेह सकारात्मक परिवर्तन आएगा। शिक्षण कार्य के लिए हम पुरुष या महिला का सहयोग ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि योग, कम्प्यूटर और खेल जैसे विषयों को विशेष वरीयता दी जाएगी। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हमारे किन्नर होने में हमारी कोई भूमिका नहीं है। धर्मशास्त्रों में किन्नर होने के पीछे अलग-अलग व्याख्याएं अवश्य मिलती हैं। हम कर्म को प्रधान मानते हैं। उसी कर्म का पालन करते हुए हम समाज में बराबरी का दर्जा पाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं।
इन राज्यों में खुलेंगे विद्यालय
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडीशा, पश्चिम बंगाल, असम, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में विद्यालय खोले जाएंगे। प्रत्येक राज्य में किन्नर संगठन के प्रधान को विद्यालय का प्रभारी बनाया जाएगा।