मुंबई
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो चुकी है. बहुमत परीक्षण में कुल 169 वोट उद्धव सरकार के पक्ष में पड़े. वहीं, विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा. वोटिंग के दौरान कुल 4 विधायक तटस्थ रहे, जबकि एमएनएस ने सरकार के पक्ष में वोट नहीं किया. हालांकि इससे पहले सदन में बीजेपी ने जमकर बवाल काटा. पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बहुमत परीक्षण और उद्धव ठाकरे के शपथ को संविधान के खिलाफ बताया. बहुमत परीक्षण के बीच में ही बीजेपी ने वॉक आउट कर दिया. ऐसे में पहले ही दिन उद्धव को फडणवीस के सख्त तेवर देखने पड़े. हालांकि हंगामे के बीच सीएम उद्धव ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गले मिलने के लिए विपक्ष के नेता की कुर्सी के पास गए थे. उद्धव ने फडणवीस को गले लगाया.
राज्यपाल से करेंगे शिकायतः फडणवीस
सदन की शुरुआत होते ही फडणवीस ने कहा कि वंदे मातरम से सदन की शुरुआत क्यों नहीं हुई. इस पर बीजेपी खेमे से हूटिंग होने लगी. फडणवीस ने कहा कि कभी भी जब फ्लोर टेस्ट होता है तो पहले रेगुलर स्पीकर की नियुक्ति के बाद होता है. इसलिए नियमों को ताक पर रखकर प्रोटेम स्पीकर चुना और फ्लोर टेस्ट कराया. उन्होंने कहा कि जो सभा संविधान के हिसाब से नहीं चलती, उसमें हम शामिल नहीं हो सकते. संविधान के नियमों को उल्लंघन हुआ है, इसलिए राज्यपाल को यह कार्यवाही रद्द करनी चाहिए. हम राज्यपाल के पास जाएंगे और उनको अनियमितता का पत्र देंगे.
प्रोटेम स्पीकर को क्यों बदला गया ?
फडणवीस ने कहा कि जब तक नए स्पीकर की नियुक्ति नहीं होती तब तक प्रोटेम स्पीकर का रहना जरूरी है. प्रोटेम स्पीकर को क्यों बदला गया. अगर यह वही अधिवेशन चल रहा है तो प्रोटेम स्पीकर क्यों बदला गया. यह गलत है. यह देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ. ऐसा क्या डर था या क्या जरूरत थी कि प्रोटेम स्पीकर बदला गया. स्पीकर के चुनाव से पहले फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता. जब तक स्थायी स्पीकर नियुक्त नहीं किया जाता तब तक विश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता.
प्रोटेम स्पीकर ने खारिज कर दिया दावा
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में भाजपा सदस्यों ने कहा कि दो-दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन नियमों का उल्लंघन है. हालांकि प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने भाजपा की आपत्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विशेष सत्र का आयोजन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है.
फ्लोर टेस्ट में मिला समर्थन
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी को 169 विधायकों का समर्थन मिला. जिसमें उद्धव सरकार के पक्ष में शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44, सपा के 2, स्वाभिमानी शेतकारी के एक, बहुजन विकास अघाड़ी के 3, पीडब्लूपी के एक और 10 निर्दलीय विधायकों ने वोटिंग की. इसमें एनसीपी के एक विधायक को प्रोटेम स्पीकर बना दिया गया था, इस वजह से 169 विधायकों ने वोट डाला.