भोपाल
मध्य प्रदेश में कुछ दिनों से जारी उठापटक के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सिंधिया ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने के साथ ही इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा भी किया. बता दें कि सिंधिया राज्य की कांग्रेस सरकार में दरकिनार किए जाने से काफी नाराज थे.
मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट के दौर से गुजर रही है. होली के रंग के बीच सिंधिया ने बगावती तेवर दिखाते हुए मंगलवार को अपनी आगामी रणनीति का खुलासा करते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिंधिया ने कहा, 'पिछले 18 सालों से कांग्रेस पार्टी का प्रमुख सदस्य रहने के बाद अब मेरे लिए यहां से आगे बढ़ने का समय आ गया है. मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.
सिंधिया ने अपने इस्तीफे में कहा कि वे जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं. उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से कांग्रेस में रहते हुए जनसेवा नहीं कर पा रहे थे. इसलिए पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया.
सिंधिया ने अपने पूर्वजों को दी सलामी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस नेताओं ने सिंधिया से लेकर उनके पूर्वजों पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश में पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने सिंधिया के इस्तीफा दिए जाने के फैसले को अंग्रेजों का साथ देने वाले उनके पूर्वजों से जोड़ते हुए कटाक्ष किया.
यादव ने सिंधिया के इस्तीफे के बाद ट्वीट कर कहा, 'सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी, आज ज्योतिरादित्य ने उसी विचारधारा के साथ एक खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है.