मध्य प्रदेश

कांग्रेस की आंख में खटकते हैं मीसाबंदी -शिवराज

भोपाल
 पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट कर कमलनाथ सरकार द्वारा मीसाबंदी पेंशन बंद किये जाने की तैयारी पर कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर की है। शिवराज ने कहा है कि मीसाबंदी कांग्रेस की आंख में खटकते हैं, लेकिन हम उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

सोमवार को अपने ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जब इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की थी तो यही लोग थे देश की आत्मा बचाने के लिये सड़कों पर निकले थे और जेल गए थे। उनका आरोप है कि कांग्रेस सरकार जनता की अपेक्षाओं पर पूरी तरह नाकाम रही है और अब मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने की तैयारी उसकी एक और बड़ी विफलता होगी।

दरअसल, मीसाबंदी पेंशन आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत जेल गए लोगों को दी जाती है। अभी दो हजार से ज्यादा मीसाबंदिओं को पेंशन मिल रही है और इन्हें वर्तमान में 25 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जा रही है।  इस पर  70 करोड़ रुपए सालाना खर्च आता है। वहीं इस पेंशन को अगर बंद किया गया तो सियासी बवाल मचना भी तय है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत सहित प्रदेश में मीसाबंदी पेंशन का लाभ लेने वालों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पृष्ठभूमि के बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं। आपको बता दें कि बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में मीसाबंदी पेंशन के लिए 2008 में लोकतंत्र सेनानी पेंशन अधिनियम बनाया था। इस अधिनियम को विधानसभा से पारित कराकर कानून की शक्ल दे दी गई थी। अब जब कमलनाथ सरकार एक बार फिर इसे बंद करने की तैयारी में है, पूर्व सीम शिवराज ने इसे लेकर सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है।

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