नई दिल्ली
कांग्रेस ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) के तौर पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति को लेकर मंगलवार को कई सवाल खड़े किए। कांग्रेस का आरोप है कि 'वैचारिक झुकाव' की वजह से ही बिपिन रावत को सरकार ने सीडीएस नियुक्त किया है। सरकार के कदम को गलत बताते हुए पार्टी ने सीडीएस के कार्यक्षेत्र को लेकर भी सरकार से सवाल पूछे हैं। आपको बता दें कि रावत आर्मी चीफ के तौर पर भी कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं के निशाने पर रहे हैं। पार्टी के एक नेता ने उन्हें 'सड़क छाप गुंडा' तक कह डाला था, जिसके लिए बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'अंत में मिस्टर रावत पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं। सरकार ने निश्चित तौर पर उनके सभी प्रदर्शन और वैचारिक झुकाव को ध्यान में रखकर नियुक्ति की है। भारतीय सेना गैर-राजनीतिक संस्था है, जिसके लिए जाति-धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर सभी भारतीयों को गर्व है।'
एक अन्य ट्वीट में चौधरी ने कहा, 'बिपिन रावत जी के वैचारिक झुकाव का असर गैरराजनीतिक संस्था सेना पर नहीं पड़ना चाहिए।' उधर, पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'बहुत ही अफसोस और पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि सीडीएस के संदर्भ में सरकार ने पहला ही कदम गलत उठाया है। इस निर्णय के दुष्प्रभाव के बारे में समय बताएगा।'
तिवारी ने सवाल किया कि सरकार का यह फैसला परेशानियों और अस्पष्टताओं से क्यों भरा पड़ा है? उन्होंने सीडीएस के कार्यक्षेत्र को लेकर सवाल करते हुए लिखा, 'क्या सरकार को सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से मिलने वाली सलाह से ऊपर सीडीएस का सुझाव होगा?' तिवारी ने पूछा, 'क्या तीनों सेनाओं के प्रमुख रक्षा सचिव की बजाय अब सीडीएस के माध्यम से रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे?'
सेना प्रमुख के पद से मंगलवार को सेवानिवृत्ति के बाद जनरल रावत को सरकार ने देश का पहला CDS नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति का आदेश सरकार द्वारा सोमवार को जारी किया गया था।