नई दिल्ली
कश्मीर को अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद से पाकिस्तान अलग-अलग देशों में जाकर भारत के खिलाफ गुहार लगा चुका है. वहीं अब तक दो बार विदेशी राजनयिकों का समूह भारत दौरे पर भी आ चुका है. इन्होंने कश्मीर का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लिया. इसके बावजूद अमेरिकी सीनेटर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन संवाद के दौरान इस मुद्दे को उठाया. जिसके जवाब में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत स्वयं ही यह मुद्दा सुलाझा लेगा.
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने सम्मेलन में परिचर्चा के दौरान कश्मीर का संदर्भ देते हुए कहा कि लोकतंत्र का प्रदर्शन करने का सबसे बेहतर तरीका है कि कश्मीर मुद्दे का लोकतांत्रिक तरीके से समाधान किया जाए.
रिपब्लिकन नेता ने कहा, 'भारत में आप आगे बढ़ रहे हैं, आपके सामने कई समस्याएं भी हैं जैसे हमारे अपने घरेलू स्तर पर है लेकिन आपने लोकतांत्रिक रास्ता चुना. जब कश्मीर की बात आती है तो मुझे नहीं पता कि इसका अंत कैसे होगा लेकिन यह सुनिश्चित करें कि दोनों लोकंतत्र इसे अलग तरीके से समाधान करें. अगर आप अपनी अवधारणा को साबित कर देंगे तो मेरा मानना है कि यह लोकतंत्र दिखाने का बेहतर रास्ता होगा.'
इसपर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा, 'सीनेटर, चिंता नहीं करें. एक लोकतंत्र इसका समाधान करेगा और आप जानते हैं कि वह कौन है.'
जाहिर हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं. वहीं ट्रंप ने भारत के साथ अच्छे संबंधो का हवाला देते हुए कई बार दोनों देशों के बीस सुलह की कोशिश कराने की बात कही है. लेकिन भारत ने हमेशा से अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह हमारे देश का मामला है और इसे हम सुलझा लेंगे.