श्रीनगर
भारत दौरे पर आए यूरोपियन सांसदों का दल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की यात्रा करेगा। कश्मीर को विशेष दर्जा देेने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद यह किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली कश्मीर यात्रा होगी। सोमवार को यूरोपीय सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि उम्मीद है कि आपको जम्मू-कश्मीर समेत तमाम इलाकों का दौरा करने से भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के बारे में पता चलेगा। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर बिना नाम लिए पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने अपने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर सांसदों से कहा, 'आतंकवाद से लड़ने के लिए करीबी अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है। ऐसे लोगों और देशों के खिलाफ ऐक्शन लिए जाने की जरूरत है, जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। भारत यूरोपियन के साथ अपने संबंधों को बेहद महत्व देता है।'
पीएम ने सांसदों से बातचीत करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों के दौरे से उन्हें भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इलाके में विकास और गवर्नेंस को लेकर भी उनकी दृष्टि मजबूत होगी।
EU ने कहा था, पाक देता है आतंकियों को संरक्षण
बताया जा रहा है कि इस प्रतिनिधिमंडल में 28 सदस्य होंगे। केंद्र सरकार की ओर से 5 अगस्त को कश्मीर से 370 हटाए जाने के बाद यूरोपियन यूनियन ने भारत के पक्ष का समर्थन किया था। यूनियन ने एक बयान जारी करके पाकिस्तान के रवैये को संदिग्ध बताते हुए कहा था कि कश्मीर द्विपक्षीय मसला है। उस समय यूरोप की संसद (EU) में कई सांसदों ने एक सुर में पाकिस्तान की तीखी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि हमें भारत का समर्थन करना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान में आतंकियों को संरक्षण मिलता है और वे पड़ोसी देश में हमले करते हैं।
यूरोपीय संसद ने जम्मू-कश्मीर पर दिया था भारत का साथ
यूरोपीय संसद ने 11 साल में पहली बार कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की और खुले तौर पर भारत का समर्थन किया। जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के बड़े फैसले के बाद से पाकिस्तान ने लगभग हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का विरोध किया था। ऐसे में यूरोपियन यूनियन का सकारात्मक रुख भारत के लिए मददगार साबित हुआ।
महबूबा की बेटी का ट्वीट, उम्मीद है आम लोगों से मिल सकेंगे
इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ट्विटर पर इसे लेकर कहा है कि उम्मीद है कि सांसदों को स्थानीय लोगों से मिलने दिया जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, 'उम्मीद है कि उन्हें स्थानीय लोगों, लोकल मीडिया, डॉक्टरों और अन्य सिविल सोसायटी मेंबर्स से मिलने दिया जाएगा। कश्मीर और दुनिया के बीच लगा पर्दा हटना चाहिए। जम्मू-कश्मीर को अस्थिरता की स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।'