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करॉना वायरस: जापान ने उतारी सेना, भारत में चीन से आने वालों की एंट्री बैन

तोक्यो/पेइचिंग
चीन में फैले करॉना वायरस का आतंक इतना बढ़ता जा रहा है कि जापान को अब इससे निपटने के लिए सेना उतारनी पड़ गई है। जापाना के योकोहामा में खड़े क्रूज शिप डायमंड प्रिंसेज में अब जापान सेना भेजने की तैयारी में है। बता दें कि योकोहामा पोर्ट के पास यह जहाज पिछले कई दिनों से खड़ा है और चीन के बाहर करॉना वायरस के सबसे ज्यादा संक्रमित रोगी अब इस जहाज पर ही हैं। शनिवार को हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में क्रू मेंबर्स ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही भारत ने भी ऐहतियातन कदम उठाते हुए चीन में 15 जनवरी या इसके बाद रह चुके चीनी और विदेशी नागरिकों की एंट्री बैन कर दी है।

गौर करने वाली बात है कि इस जहाज पर कुल 3,700 यात्री सवार हैं जिनमें से 138 भारतीय हैं। इनमें 6 यात्री और 132 स्टाफ भारतीय नागरिक हैं। हॉन्ग कॉन्ग में इस जहाज पर मौजूद एक व्यक्ति में नॉवल करॉना वायरस के संक्रमण का पता चला था। जिसके बाद इस जहाज को जापान में रोक दिया गया था। 2 नए संक्रमित मामलों की पुष्टि होने के बाद अब जहाज पर करॉना के रोगियों का आंकड़ा 63 पहुंच गया है लेकिन इनमें कोई भी भारतीय नहीं है।

स्टाफ ने बताया, 'सेना को शायद चीजों को मैनेज करने और सेफ्टी प्रोटोकॉल फॉलो कराने के लिए बुलाया गया है।' बता दें कि शनिवार को जहाज पर सवाल एक और भारतीय ने उन्हें वहां से निकाले जाने की अपील की थी। जहाज पर स्टीवर्ड के तौर पर तैनात एक 26 वर्षीय कर्मचारी ने कर्नाटक में अपने परिवार को फोन कर उनसे सरकार की मदद लेने को कहा था। कार्निवाल कॉर्पोरेशन ऐंड पीएलसी कंपनी का इस जहाज पर मालिकाना हक है। कंपनी ने स्टाफ के माता-पिता को यह आश्वासन दिया है कि वे परेशान ना हों। इसके अलावा भारतीय दूतावास ने भी उन्हें ईमेल के जरिए अपना बयान भेजा है जिसमें लिखा है कि वे लगातार स्थानीय जापानी अधिकारियों के संपर्क में हैं।

गुरुवार को एक और क्रू सदस्य ने फेसबुक पर मदद की गुहार लगाई थी। बिनय कुमार सरकार की यह पोस्ट वायरल हो गई। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि डेक पर अब सभी काम करने पड़ रहे हैं। हम सभी अब यहां मर-मरकर जी रहे हैं। किचन में, सप्लाई और क्लीनिंग जैसे सब काम करने पड़ रहे हैं। सरकार ने आगे बताया कि 'बहुत ज्यादा बोलना' शायद अच्छा नहीं होगा। शुक्रवार तक वह एक शेफ थे। शनिवार को अब वह एक फोन ऑपरेटर हैं।

कोलकाता में उनके घर में इस अपील के बाद डर का माहौल पैदा हो गया। पश्चिम बंगाल के मंत्री गोलम रबानी ने उनसे जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक टीम को उनके घर उत्तरी दिनाजपुर भेजा। इस जहाज को अलग रखा गया है और यह समय 19 फरवरी तक पूरा होगा।

भारतीयों को करॉना वायरस से सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने चीन से आने वाले यात्रियों के भारत आने पर रोक लगा दी है। 15 जनवरी, 2020 या इसके बाद जो भी विदेशी चीन जा चुके हैं, उन्हें भारत में एंट्री नहीं दी जाएगी। ऐसे यात्रियों को हवाई, सड़क या समुद्री रास्ते के जरिए भारत आने की अनुमति नहीं है। इसमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार की जमीनी बॉर्डर भी शामिल हैं।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशल (DGCA) ने शनिवार को एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर का टाइटल है, 'suspension of regular visa and e-visa of Chinese nationals residing anywhere and foreigners residing in China' यानी कहीं भी रह रहे चीनी नागरिक और चीन में रह रहे विदेशियों के रेगुलर और ई-वीजा का सस्पेंशन। सर्कुलर को सभी भारतीय और विदेशी एयरलाइंस को जारी कर दिया गया है। सर्कुलर के मुताबिक, 'जो विदेशी 15 जनवरी 2020 या इसके बाद से चीन में रह चुके हैं उन्हें हवाई, सड़क या समुद्र के रास्ते (इंडो-नेपाल, इंडो-भूटान, इंडो-बांग्लादेश और इंडो-म्यांमार लैंड बॉर्डर्स) के जरिए भारत आने की अनुमति नहीं है…भारत ने 5 फरवरी 2020 से पहले चीनी पासपोर्ट होल्डर के लिए जारी किए गए सभी वीजा (रेगुलर और ई-वीजा) भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करती है।'

सर्कुलर में कहा गया है, 'अगर कोई व्यक्ति किन्हीं कारणों से भारत आना चाहता है तो वह पेइचिंग में भारतीय दूतावास या शंघाई और ग्वांगझू में वाणिज्य दूतावास से नए वीजा के लिए संपर्क कर सकता है।' इसमें आगे कहा गया, 'ये रोक एयरक्रू पर लागू नहीं होगी, जो चीन से आने वाली फ्लाइट्स में चीनी या विदेशी नागरिक हो सकते हैं।'

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