पेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसान धनुरासन योग है। चूंकि इसका आकार धनुष के समान लगता है, इसलिए इसको धनुरासन के नाम से पुकार जाता है। इसको बो पोज के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप सही तरीके से धनुरासन करते हैं, तो इसका मतलब यह हुआ कि आप भुजंगासन एवं शलभासन दोनों एक साथ कर रहे हैं और दोनों का लाभ उठा रहे हैं।
धनुरासन योग के लाभ
1. धनुरासन मोटापा घटाने के लिए: यह आसन वजन कम करने के लिए एक उत्तम योगाभ्यास है। इसके नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और आपके पेट को चुस्त-दुरुस्त बनाता है।
2. धनुरासन मधुमेह के रोगियों के लिए अति लाभदायक है। इसके अभ्यास से पैंक्रियास उत्तेजित होता है और इन्सुलिन के स्राव में मदद मिलती है, जो शुगर के संतुलन में सहायक है। इसके अभ्यास से डायबिटीज टाइप-1 और डायबिटीज टाइप 2 दोनों में फायदा पहुंचता है।
3. धनुरासन कमर दर्द, पीठ दर्द के लिए रामबाण योग है। अगर आप इसका रोजाना अभ्यास करते हैं, तो हमेशा-हमेशा के लिए कमर दर्द की परेशानी से निजात मिल सकती है। यह पीठ के लिगामेंट्स, मांसपेशियों एवं तंत्रिकाओं में खिंचाव लेकर आता है और पूरे स्पाइनल कॉलम में एक नई जान फूंकता है।
4. धनुरासन अस्थमा रोगियों के लिए बहुत लाभदायी है। इसके अभ्यास से सीने में अच्छा खासा खिंचाव आता है और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, जो अस्थमा रोगियों के लिए बहुत जरूरी है ।
5. इस आसन के अभ्यास से स्लिप डिस्क में बहुत हद तक राहत मिल सकती है।
6. धनुरासन से कब्ज एवं अपच को दूर किया जा सकता है। यह आसान सही तरीके से एंजाइम के स्राव में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
7. यह योगाभ्यास विस्थापित नाभि अपनी जगह पर लाने के लिए लाभदायक है।
8. धनुरासन थाइरोइड एवं अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है, तथा इसके हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है।
धनुरासन योग की विधि
सबसे पहले एक स्वच्छ आसन बिछाकर उस पर आप पेट के बल लेट जाएं।
सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और अपने हाथ से टखनों को पकड़ें।
सांस लेते हुए आप अपने सिर, चेस्ट एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।
अपने शरीर के लचीलापन के हिसाब से आप अपने शरीर को और ऊपर उठा सकते हैं। शरीर के भार को पेट निचले हिस्से पर लेने की कोशिश करें।
जब आप पूरी तरह से अपने शरीर को उठा लें तो पैरों के बीच की जगह को कम करने की कोशिश करें। धीर-धीरे सांस ले और धीरे-धीरे सांस छोड़ें। अपने हिसाब से आसन को धारण करें। जब आप मूल स्थिति में आना हो तो लम्बी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं। यह एक चक्र पूरा हुआ। इस तरह से आप 3-5 चक्रकरने की कोशिश करें। शुरुआती दौर में लोग धनुरासन करने से घबराते हैं, लेकिन अगर आप इनके सरल तरीकों को जान जाएं तो आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं।
धनुरासन की सावधानियां
तीव्र कमर दर्द के रोगी इस आसन को कदापि ना करें। हर्निया के रोगिओं को इस आसन के करने से बचना चाहिए। अगर आप अल्सर या पेप्टिक अल्सर से प्रभावित हैं, तो इस आसन के अभ्यास से बचें। कोलाइटिस से पीडि़त व्यक्ति इसे ना करें। उक्त रक्त चाप वाले व्यक्ति इस आसान को विशेषज्ञ के परामर्श से करें। अगर पथरी की शिकायत हो तो भी इसे न करें। साइटिका से ग्रस्त व्यक्ति इसको करने से पहले विशेषज्ञ का परामर्श लें।