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कमिश्नरी का कमाल: डीसीपी पत्नी होगी एडिशनल डीसीपी पति की ‘बॉस’

नोएडा
उत्तर प्रदेश में इस समय आईपीएस दंपति सुर्खियों में है. बचपन में दोनों पड़ोसी रहे. हाईस्कूल तक एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ाई की. फिर दोनों ने ही सात समंदर पार विदेश जाकर प्राइवेट नौकरी की. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. दोनों वतन लौटे और IPS अफसर बनने के बाद शादी कर ली. खास बात ये है कि अब IPS कपल की पोस्टिंग एक ही शहर नोएडा में हो गई है, जहां पत्नी ऑफिस में भी अपने पति की बॉस बन गई हैं. यह कमाल जिले में हाल ही में लागू हुए 'पुलिस कमिश्नरी सिस्टम' की वजह से हुआ है.

नोएडा निवासी वृंदा शुक्ला और उनके पति अंकुर अग्रवाल दोनों ही आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले बचपन में दोनों अंबाला में पड़ोसी थे. दोनों ने हाईस्कूल तक अंबाला के ही एक ही स्कूल यानी जीसस एंड मेरी स्कूल में साथ-साथ पढ़ाई भी की. इसके बाद दोनों सात समंदर पार अमेरिका जाकर प्राइवेट नौकरी की और फिर आईपीएस अधिकारी बन गए. गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद से इन दोनों की प्रेम कहानी रोचक हो गई है और चर्चा का विषय बन गई है.

वृंदा शुक्ला अब तक लखनऊ स्थित पुलिस महानिदेशालय (मुख्यालय) में तैनात थीं, लेकिन गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही उनको यहां तैनाती दे दी गई है. यहा वृंदा शुक्ला को पुलिस उपायुक्त यानी डीसीपी (महिला सुरक्षा) का पद मिला है.

इससे एक महीने पहले वृंदा शुक्ला के पति अंकुर अग्रवाल को गौतमबुद्ध नगर जिले में नगर पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात किया गया था. पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू हुआ, तो गौतमबुद्ध नगर में तैनाती से आईपीएस पत्नी रुतबा बढ़ गया. इस नए सिस्टम में आईपीएस पति यानी अंकुर अग्रवाल अब अतिरिक्त या फिर अपर पुलिस उपायुक्त (एडिश्नल डीसीपी) कहे जाएंगे. इसका मतलब यह है कि अब डीसीपी वृंदा शुक्ला अपने पति अंकुर अग्रवाल की 'बॉस' होंगी.

दोनों ने अमेरिका में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने के दौरान ही भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस अधिकारी बनने की तैयारी की थी. वृंदा शुक्ला को 2014 में दूसरे प्रयास में आईपीएस का नगालैंड कैडर मिल गया, जबकि इसके दो साल बाद यानी 2016 में उनके पति अंकुर अग्रवाल को बिहार आईपीएस कैडर हासिल हो गया.

वृंदा शुक्ला और अंकुर अग्रवाल आईपीएस अधिकारी बनने के बाद अपनी बचपन की मोहब्बत को रिश्ते में बदलने का फैसला लिया. इसके बाद 9 फरवरी 2019 को वृंदा शुक्ला और अंकुर अग्रवाल इन कसमों और वादों के साथ शादी के पवित्र बंधन में बंध गए कि वर्दी में कोई भी किसी का 'बॉस' हो सकता है.

वृंदा शुक्ला का कहना है कि दिल और दिमाग से हम हमेशा एक-दूजे के होकर ही जीवन बसर करेंगे, जहां हम दोनों में न कोई छोटा होगा और न ही कोई बड़ा. हालांकि नौकरी के दौरान आज कोई डीसीपी है, तो कोई एडीसीपी. भविष्य में हममे से भले ही कोई पुलिस कमिश्नर क्यों न बन जाए.

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