बरेली।
कमलेश तिवारी हत्याकांड में मददगारों की तलाश में एसटीएफ और एटीएस ने कई जगह छापेमारी की लेकिन आरोपियों का कुछ पता नहीं लगा है। ट्रेवल एजेंसी में वकील नावेद का पार्टनर रहा कामरान मोबाइल बंद कर फरार हो गया है। उसके परिवार वालों और रिश्तेदारों के जरिये उसकी तलाश की जा रही है।
18 अक्टूबर को लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या में बरेली में रहने वाले कुछ लोगों की खास भूमिका रही। इसी वजह से हत्यारोपी अशफाक और मोईनुद्दीन लखनऊ से सीधे बरेली आये। यहां वकील नावेद और मौलाना कैफी अली रजवी समेत कई लोग कमलेश के हत्यारों के राजदार बने। उनकी मदद से ही हत्यारे बरेली से नेपाल, पलिया शाहजहांपुर होते हुये दिल्ली और फिर गुजरात गये। नावेद और कैफी अली के बाद हत्यारों को भागने में मदद करने में कामरान का नाम सामने आया है। पुलिस ने कामरान का नाम मुकदमे में भी खोल दिया है।
कामरान ने पुलिस एजेंसियों को चकमा देने के लिये हत्यारोपियों का मोबाइल ट्रेन में फेंक दिया था। जिसकी वजह से एटीएस, एसटीएफ और पुलिस की टीमें ट्रेन का पीछा करती रहीं और कातिलों को नावेद व कामरान अपनी गाड़ी से नेपाल ले गये। पुलिस कामरान और हत्यारोपियों का इलाज करने वाले नावेद के भाई व उसके साथी कथित डॉक्टर की तलाश कर रही है। इसके अलावा दरगाह में जिन लोगों ने कातिलों को सब कुछ जानते हुये ठहराया और उन्हें खाना खिलाया। कातिलों के बयान लेने के बाद अब पुलिस एजेंसियां दरगाह के खास लोगों से पूछताछ करेंगी। उनके खिलाफ पुलिस को तमाम साक्ष्य मिले हैं। जिनसे उन पर कातिलों को संरक्षण देने का आरोप तय किया जा रहा है।
होटल वाले पर भी कसेगा कानूनी शिकंजा
मलूकपुर में कादरी होटल पर भी कानूनी शिकंजा कसेगा। कातिल घायल होने के बाद पहले दरगाह पहुंचे। बाद में मौलाना कैफी अली उन्हें लेकर होटल गया। होटल में करीब तीन घंटे तक आरोपी रहे। होटल वाले ने उनकी आईडी नहीं ली। उनके घायल होेने के बारे में जानकारी होने के बावजूद पुलिस को नहीं बताया। इन सब आरोपों को लेकर होटल वाले से पूछताछ की जायेगी।