भोपाल
मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में हुए सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के हज़ारों तबादलों (transfer) के बाद अब सरकार पुराने डीएसपी (dsp) को हटाने की तैयारी में है.ऐसे सभी डीएसपी की लिस्ट तैयार की जा रही है जो बरसों से एक ही जगह हैं, निष्क्रिय हैं और जिनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं. इनकी जगह नये डीएसपी पोस्ट किए जाएंगे. इसे सरकार की चुनावी जमावट के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि प्रदेश में अब नगरीय निकाय चुनाव (Urban body elections) होना है.
कमलनाथ सरकार को लगता है पुरानों से ज्यादा नये पुलिस अफसरों पर भरोसा है.शायद यही वजह है कि पुलिस की बिगड़ती छवि सुधारने के लिए अब मैदानी स्तर पर नए अफसरों की जमावट की जा रही है.पुराने अफसरों को हटाकर अब नये अफसरों को मैदानी कमान सौंपी जाएगी.इसकी शुरुआत डीएसपी रैंक के अफसरों से हो रही है.
भोपाल की भौंरी पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी से अपनी ट्रेनिंग पूरी कर चुके 37वें बैच के 36 डीएसपी की इसी महीने पासिंग परेड है.अभी यह सभी 36 डीएसपी इंदौर आरएपीटीसी में ट्रेनिंग पर हैं. 38 वें बैच के भी 40 से ज्यादा डीएसपी अपनी ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं.पासिंग परेड होने के बाद इन सभी डीएसपी को मैदानी पोस्टिंग दी जाएगी.प्रदेश में हाल ही में 151 डीएसपी के ट्रांसफर हुए हैं.यह ट्रांसफर की कार्यवाही लगातार जारी है.गृह विभाग अब नए डीएसपी को मैदानी पोस्टिंग देने के लिए भी जगह बना रहा है.गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि ट्रांसफर की प्रक्रिया सामान्य है.विभाग जरूरत के हिसाब से ट्रांसफर-पोस्टिंग करता है.अच्छे अधिकारियों को उचित जगह पर पोस्टिंग की जाती है.
नये डीएसपी की फील्ड पोस्टिं के लिए जगह बनाई जा रही है.पुराने अफसरों की लिस्ट तैयार की जा रही है. पुरानों को हटाकर उनकी जगह इन नये अफसरों को पोस्टिंग दी जाएगी.यह सभी अफसर सीधे जनता से संपर्क में रहेंगे.गृह विभाग चाहता, तो इन सभी अफसरों को दूसरी पोस्टिंग भी दे सकता था.लेकिन पुराने अफसरों की शिकायतें मिलने और जनता से उनकी दूरी की वजह से राज्य सरकार ने नये अफसरों को मैदान में उतारने का फैसला लिया है.इन नए अफसरों को हर जिले में जरूरत के हिसाब से पदस्थ किया जाएगा.सबसे ज्यादा अफसरों की पोस्टिंग बड़े महानगरों में होगी.
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए अफसरों की पोस्टिंग के साथ राज्य सरकार पुराने डीएसपी को पुलिस मुख्यालय या फिर कार्यालयों में भेजने की तैयारी में है. इसे चुनावी जमावट भी कहा जा सकता है.रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों के अनुसार नए डीएसपी की पदस्थापना की एक बड़ी वजह संभावित नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव भी है.सीएम की हरी झंडी के बाद ही गृह विभाग अब प्रदेश में पदस्थ ऐसे डीएसपी की सूची तैयार कर रही है, जो बरसों से सक्रिय नहीं हैं और उनकी लगातार शिकायत मिल रही है.