भोपाल
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में कांग्रेस ने आज राजधानी में शांति मार्च निकला| रंगमहल चौराहे से शुरू हो चुका है जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस शांति मार्च में शामिल हुए और केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध किया। वहीं उन्होंने एनपीआर को लेकर कहा एनपीआर हम भी चाहते हैं पर इसके साथ एनसीआर नहीं चाहते। सीएम ने एलान करते हुए कहा कि जो कानून संविधान विरोधी, देश विरोधी, धर्म विरोधी हो ऐसा कोई भी कानून मध्य प्रदेश में लागू नहीं होगा।
कांग्रेस का शांति मार्च रंगमहल चौराहे से दोपहर 12 बजे शुरू हुआ और मिंटो हाॅल में गांधी प्रतिमा के सामने समाप्त हुआ। इसमें हजारों की संख्या में गांधी टोपी पहने और हाथों में तिरंगा लेकर मार्च में साथ चल रहे हैं। इसमें सामाजिक संगठन भी शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा जनता का ध्यान मोड़ने की राजनीति करती है। आज हमने जो शांति मार्च किया है यह सिर्फ भोपाल और प्रदेश के लिए नहीं, यह देश के लिए है। आज हम देश के दिल से यह संदेश देना चाहते हैं कि किस तरह केंद्र सरकार देश को तोड़ना चाह रही है।
कमलनाथ ने कहा सीएए और एनआरसी जैसी अवधारणाओं के माध्यम से भारतीय संविधान की उस मूल भावना को आहत किया जा रहा है, जिसमें स्पष्ट रूप से यह अभिव्यक्त किया गया है कि जाति, धर्म और भाषा के आधार पर भारत के नागरिकों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है। प्रश्न यह है कि इसका क्या दुरुपयोग होगा। इनके गृह राज्यमंत्री ने संसद में कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू होगा, हम एनआरसी को मध्य प्रदेश में लागू नहीं होने देंगे। जो कानून संविधान विरोधी, देश विरोधी, धर्म विरोधी हो ऐसा कोई भी कानून मध्य प्रदेश में लागू नहीं होगा। एनआरसी और सीएए का अंदरुनी लक्ष्य कुछ और है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमें देश की संविधान और संस्कृति की रक्षा करनी है।