खाने-पीने की चीजों का सेवन अगर सही समय पर किया जाए तो हम आने वाली कई बीमारियों से बच सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर तीन तत्व से मिल कर बना है-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। ऐसे में अगर आप कुछ ही कभी भी खा लेते हैं तो इन तत्वों का संतुलन बिगड़ जाता है और शरीर को बीमारियां घेर लेती हैं। अगर बात करें दूध, दही और छाछ की तो इन चीजों का सेवन हम रोज ही करते हैं। मगर इनमें से किस चीज को दिन के किस समय खाना है इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती। आयुर्वेद के अनुसार इन तीनों चीजों का सेवन कब करना चाहिए, आइये जानें…
दूध पीने का सही समय
आयुर्वेद में दूध को संपूर्ण आहार माना गया है। इसमें वे सारे जरूरी पोषक तत्व होते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। वैसे तो दूध का सेवन दिनभर में कभी भी किया जा सकता है। मगर इसे रात के समय पीने से शरीर की पूरी थकान मिटती है और गहरी नींद भी आती है। वहीं, दूध पचाने में भारी होता है इसलिये अगर इसे सुबह पिया गया तो शरीर में दिनभर एनर्जी बनी रहती है। बूढ़े लोगों को दोपहर में दूध पीना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार दूध को किसी अन्य भोजन के साथ नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इसे पचाने में दिक्कत होती है। खाना खाने के दो घंटे के बाद दूध का सेवन कर सकते हैं।
दही खाने का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार दही को अगर दोपहर से पहले खाएं तो यह बेहद गुणकारी होता है। खाली पेट दही खाने से बीपी लो होने की समस्या हो सकती है। इसलिए खाली पेट की जगह नाश्ते में खाएं। कई लोग दही को रात में खा लेते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। दही की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसे रात में खाने से खांसी-जुकाम और फेफड़ों की बीमारी के साथ-साथ जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है। खाने से पहले दही को कभी गर्म नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक, अगर दही में चीनी मिलाकर खाया जाए तो यह हमें दिनभर के लिए इंस्टेंट एनर्जी भी देता है।
छाछ पीने का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार छाछ यानि मठ्ठा दिन के किसी भी समय पिया जा सकता है। इसे भोजन के बाद पी सकते हैं। वहीं, शाम या रात के समय इसका सेवन करने से पहले मौसम और जगह का ध्यान देना जरूरी है। यदि आपको पेट की दिक्कत रहती है तो छाछ को सुबह खाली पेट पीएं।