नई दिल्ली
भारतीय क्रिकेट टीम के दो पूर्व कप्तान कपिल देव और मोहम्मद अजहरुद्दीन वर्ल्ड कप फाइनल में अंडर-19 टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन से बेहद निराश हैं. फाइनल में भारतीय अंडर-19 टीम के खिलाड़ी और बांग्लादेश की अंडर-19 टीम के खिलाड़ी उलझ गए थे. सेनवेस पार्क में रविवार को खेले गए फाइनल में बांग्लादेश ने डकवर्थ लुइस नियम के हिसाब से भारत को तीन विकेट से हरा दिया था. इसके बाद दोनों टीमों में वाक्युद्ध छिड़ गया था.
द हिंदू ने कपिल के हवाले से लिखा है, 'मैं चाहता हूं कि बोर्ड (BCCI) इन खिलाड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए और एक उदाहरण पेश करे. क्रिकेट का मतलब विपक्षी टीम को गाली देना नहीं है. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि बीसीसीआई के पास इन युवाओं के साथ डील करने का पुख्ता कारण है.'
वर्ल्ड कप विजेता कप्तान ने कहा, 'मैं आक्रामकता का स्वागत करता हूं, इसमें कुछ गलत नहीं है, लेकिन इसमें नियंत्रण होना चाहिए. प्रतिस्पर्धी होने के लिए आप सीमा लांघ नहीं सकते. मैं कहूंगा कि यह मानने योग्य बातें नहीं हैं कि युवा इस तरह का व्यवहार करें.'
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने तीन बांग्लादेशी और दो भारतीय खिलाड़ियों को निलंबित किया है. बांग्लादेश के तौहीद हृदॉय, शमीम हुसैन, रकीबुल हसन के नाम शामिल हैं, जबकि भारत की तरफ से आकाश सिंह और रवि बिश्नोई को भी सजा मिली है.
अजहर ने भी कपिल की बात पर सहमति जाहिर की है. उन्होंने कहा, 'मैं अंडर-19 टीम के खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई चाहता हूं, लेकिन मैं साथ ही जानना चाहता हूं कि इन युवाओं को सिखाने में सपोर्ट स्टाफ का क्या रोल रहा था. देर हो इससे पहले कदम उठाने होंगे. इन खिलाड़ियों को अनुशासित रहना होगा.'