नई दिल्ली
नवरात्रि के 9 दिन में देवी के 9 स्वरूपों की पूजा होती है. आज मां के छठे स्वरूप यानि मां कात्यायनी का दिन है. इनकी पूजा कल्याणकारी होती है. मां कात्यायनी की पूजा उन लोगों के लिए खास मानी जाती है जिन्हें विवाह संबंधी समस्याओं ने घेर रखा होता है. मां की पूजा उनके लिए भी लाभकारी होती है जिनकी शादीशुदा जिंदगी में कोई समस्या चल रही होती है.
मां कात्यायनी का स्वरूप
-मां कात्यायनी, का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था
-इसिलए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है.
-मां के एक हाथ में तलवार और दूसरे में कमल है
-बाकी दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में सुशोभित होते हैं
-देवी का वाहन सिंह है और ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं
-गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी
-विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है
मां कात्यायनी की उपासना की उत्तम विधि
– पीले या लाल वस्त्र धारण करके मां कात्यायनी की पूजा करना उत्तम होगा
– मां कात्यायनी को पीले सुगंधित फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें
— मां कात्यायनी को अति प्रिय है शहद
– मां को शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है
— कहते हैं मां कात्यायनी को शहद अर्पित करने से सुंदर रूप का वरदान मिलता है
– इसके बाद मां कात्यायनी के मन्त्र का जाप करें
मां कात्यायनी की पूजा से लाभ
– व्यक्ति को मन को नियंत्रित करने की क्षमता प्राप्त होती है
– व्यक्ति अपनी सारी चिंताओं और व्यसनों से मुक्त हो सकता है
– कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए देवी की पूजी उत्तम मानी जाती है
– वैवाहिक जीवन में सफलता के लिए मां कात्यायनी की पूजा फलदायी होती है
– कुंडली में विवाह के योग क्षीण हो, तो भी विवाह हो जाता है