ओरछा
ओरछा (orchha) में खुशियां छायी हैं. मंगल गीत गाए जा रहे हैं. यहां किसी आम की नहीं बल्कि खुद भगवान राम (bhagwan ram) की शादी है. राम यहां के राजा भी हैं. शादी तो 1 तारीख को है लेकिन रस्में शुरू हो चुकी हैं. आज रामराजा को हल्दी-तेल चढ़ाया गया.
ओरछा के राम राजा की शादी का जश्न शुरू चुका है. तीन दिन पूरा ओरछा भगवान और अपने राजा राम की शादी के उत्सव में मगन रहेगा.रस्में निभायी जा रही हैं. जनता के साथ प्रशासन ने भी ठीक वैसी ही तैयारी की है जैसी बेटी या बेटे की शादी में की जाती है. उत्सव में बड़ी संख्या में लोग देश-विदेश से आते हैं. सुरक्षा के इंतज़ाम भी हैं. 1 दिसंबर को पूरी धूमधाम के साथ रामराजा की बारात निकलेगी.
ओरछा में अगहन मास की पंचमी विवाह पंचमी कहलाती है. इस दिन यहां रामराजा की शादी की जाती है. शादी की रस्में और मेहमानों का आना शुरू हो चुका है. इस दिन भगवान श्री राम और जानकी का विवाह हुआ था. रामराजा मंदिर को फूलों से सजाया गया है.
यहां के प्रसिद्ध श्री राम जानकी मंदिर में शुक्रवार को तेल चढ़ाई की रस्म हुई. सुबह से ही विवाह के मंगल गीत शुरू हो गए थे. शुक्रवार को तेल चढ़ाने की रस्म पूरी हुई अब शनिवार को मंडप सजेगा और भगवान श्री राम को हल्दी चढ़ाई जाएगी. शादी पंचमी यानि एक दिसंबर को है. इस दिन भगवान राम दूल्हा बनेंगे. पूरे नगर में धूमधाम से भगवान उनकी बारात निकलेगी. शहर के लोग दूल्हा बने रामराजा का तिलग लगाकर स्वागत करेंगे. बारात में शामिल होने के लिए देश विदेश से भक्त ओरछा पहुंचते हैं.
ओरछा में भगवान राम का सबसे बड़ा मंदिर है. कहते हैं जब भगवान श्रीराम अयोध्या से ओरछा आए थे तो यहां के राजा ने अपना राज पाठ छोड़कर राम का राज तिलक कर दिया था था और अपनी सत्ता राम को सौंप दी थी. तभी से यहां भगवान श्री राम को राजा के रूप में पूजा जाता है.