लिवा क्लब द्वारा ऑनलाईन राज्य स्तरीय मराठी कवि सम्मेलन आयोजित
भोपाल. देश भर में फैली वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जहां हम सभी लॉकडाउन हैं, वहीं इंटरनेट और टेक्नालॉजी साहित्यकारों और कलाधर्मियों के लिए वरदान साबित हो रही है। साहित्यकार, कविगण घर बैठे अपने सकारात्मक विचारों से समाज को समृद्ध कर रहे हैं। मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था लिवा क्लब ने मराठी ऑनलाईन कवि सम्मेलन आयोजित कर एक ऐसा ही उदाहरण पेश किया है।
महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर 1 मई को शाम 5 से 6 बजे तक लिवा (लिहा वाचा-लिखो पढ़ो) साहित्य समिति के व्हाट्सअप समूह लिवा सपंर्क पुस्तिका द्वारा एक राज्य स्तरीय मराठी काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। लिवा साहित्य सेवा समिति के सचिव विश्वनाथ शिरढोणकर ने बताया कि, लॉकडाउन के समय ऐसे आयोजन अपनी साहित्यिक सार्थकता लिए होते हैं और साहित्यिक गतिविधियों की नियमित निरंतरता बनी रहती है।
नियत समय पर कवयित्री ऋचा दीपक कर्पे ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की और कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद संजय जोशी सजल ग्वालियर के सफल संचालन में एक के बाद सभी कवियों ने क्रमबद्ध रूप में इस काव्य संध्या में अपने शब्दों और स्वरों का जादू बिखेरा।
मदन बोबडे ने रात रानी, पुरुषोत्तम सप्रे ने नातं, पौर्णिमा हुंडीवाले ने हो ईश्वर डॉक्टर आहे, यादव राव गावळे ने उप वधु, संजय जोशी ने माझी माय मराठी, अश्विनी शाजापुरकर ने काही नाती, अंतरा करवड़े ने धरा वसंत, शालिनी इन्दौरकर ने क्षण, अनुराधा मजूमदार ने शब्द कहाणी कुन्दा जोगळेकर ने नव संवत्सर, अपर्णा पाटील ने ब्रम्हास्त्र, राधिका इंगळे ने बाजीराव-मस्तानी शिवाय, रोहिणी कुलकर्णी ने आगळी-वेगळी अक्षत तृतीया, डॉक्टर उमा कंपूवाले ने मायमराठी, आशा वडनेरे ने चांदणे आणि चंद्र, दीपक देशपांडे ने सायास, माणूस, रामचन्द्र किलेदार ने प्रेम म्हणजे, वसुधा गाडगीळ ने तिच आकाश, मनिश खरगोणकर ने कठीण काम और ऋचा दीपक कर्पे ने हो चिरायु हो अमर और कविता घडते नामक एक से बढ़कर एक कविताओं को ऑडियो रूप में प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कवि सम्मेलन में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, देवास, बुरहानपुर के कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सभी सदस्य ऑनलाइन कविताओं को सुना और सराहा। भोपाल से पुरषोत्तम सप्रे, यादवराव गावले, सुनील अवसरकर व 20 साहित्यकार ऑनलाइन उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार डॉक्टर मदन बोबडे इंदौर ने की। मुख्य अतिथि साहित्यकार पुरुषोत्तम सप्रे, भोपाल थे। विशेष अतिथि के रूप में सौ. पौर्णिमा हुंडीवाले, निदेशक, मध्य प्रदेश मराठी साहित्य अकादमी, भोपाल एवं वरिष्ठ कवि यादवराव गावळे, भोपाल उपस्थित थे।
संचालन संजय जोशी सजल ग्वालियर ने किया। संस्था परिचय, भूमिका और अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ शिरधोणकर, इंदौर ने किया। मध्यप्रदेश की एकमात्र मराठी पत्रिका सर्वोत्तम के प्रधान संपादक अश्विन खरे ने आभार प्रदर्शन किया। सभी सदस्यों ने एक स्वर में यही कहा कि ऐसे ऑनलाइन कार्यक्रम नियमित रूप से होते रहें।