मध्य प्रदेश

एसटीएफ ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस का खुलासा

भोपाल
 मप्र पुलिस एसटीएफ ने सतना में फर्जी शस्त्र लाइसेंस के गोरखधंधे का खुलासा किया है। लाइसेंस का दुरुपयोग कर हजारों की संख्या में कारतूसों की कालाबाजारी भी सामने आई है। मामले के तार मप्र के अन्य जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में भी जुड़ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के प्रतिबंधित बोर के लाइसेंस को भी बिना पुष्टि किए पंजीकृत कर लिया गया।

एसटीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अशोक अवस्थी ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़े की शिकायतें काफी दिनों से मिल रही थीं। सतना के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को जांच के दौरान कलेक्टोरेट की शस्त्र शाखा में इस फर्जीवाड़े का पता चला।

उन्होंने 25 आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कराया है। लाइसेंस की आड़ में हजारों कारतूस की कालाबाजारी का यह खेल 2004 से चल रहा था। एसटीएफ ने 25 लोगों के खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक राजेश भदौरिया को एसआईटी की कमान सौंपी गई है।

अनुमति के बगैर बढ़ाई मियाद

एडीजी ने बताया कि शासन की अनुमति के बिना बंदूक एवं पिस्टल के लाइसेंस की सीमा में वृद्धि, अतिरिक्त शस्त्र खरीदने की मंजूरी एवं शासन के आदेश के बिना कारतूसों की संख्या बढ़ा दी गई। किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर लाइसेंस जारी करने, बिना वैध अनुमति के लाइसेंस की डुप्लीकेट प्रति तैयार करने और जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों के शस्त्र लाइसेंस का पंजीकरण व नवीनीकरण भी सतना में कर दिया गया।

 

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