नई दिल्ली
दिव्या काकरान ने नई दिल्ली में जारी एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला पहलवान बन गईं. उन्होंने अपने सारे मुकाबले प्रतिद्वंद्वियों को चित कर जीते, जिसमें जापान की जूनियर विश्व चैम्पियन नरूहा मातसुयुकी को हराना भी शामिल रहा.
दिव्या ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच पहलवानों के 68 किग्रा वर्ग में अपने सभी चार मुकाबले जीते जो राउंड रॉबिन प्रारूप में खेला गया. नवजोत कौर एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं, जिन्होंने 2018 में किर्गिस्तान के बिशकेक में 65 किग्रा का खिताब जीता था.
मेजबानों के लिए दिन यादगार रहा, जिसमें सरिता मोर (59 किग्रा), पिंकी (55 किग्रा) और निर्मला देवी (50 किग्रा) ने अपने वजन वर्गों के फाइनल में पहुंचकर कम से कम रजत पदक पक्का कर दिया है. चीन के पहलवानों की गैर मौजूदगी में और जापान के अपने सर्वश्रेष्ठ पहलवानों को नहीं भेजने से चुनौती थोड़ी कमजोर पड़ गई थी.
एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता दिव्या ने 68 किग्रा में पहले कजाखस्तान की एलबिना कैरजेलिनोवा को पस्त किया और फिर मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाइखान को पराजित किया. मंगोलियाई पहलवान के खिलाफ उनका डिफेंस कुछ कमजोर दिखा, लेकिन वह अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराने में सफल रहीं.
तीसरे दौर में दिव्या का सामना उज्बेकिस्तान की एजोडा एसबर्जेनोवा से था और उन्होंने 4-0 की बढ़त बनाने के बाद अपनी प्रतिद्वंद्वी को महज 27 सेकेंड में मात दी. जापान की जूनियर विश्व चैम्पियन के खिलाफ दिव्या ने 4-0 की बढ़त हासिल कर ली. जापानी पहलवान ने दूसरे पीरियड में मजबूत शुरुआत की और भारतीय पहलवान के बाएं पैर पर हमला किया, लेकिन उन्होंने अंक दाएं पैर पर आक्रमण से जुटाए, जिससे स्कोर 4-4 हो गया.
दिव्या ने हालांकि फिर प्रतिद्वंद्वी को चित कर दिया. इसके बाद वह मैट से उतरकर कोचों के साथ जश्न मनाने लगीं, जिसके बाद रेफरी ने अधिकारिक रूप से उन्हें 6-4 से विजेता घोषित किया.