नई दिल्ली
एक लंबे इंतजार के बाद भारतीय वायुसेना के बेड़े में अमेरिका में बने अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर विमान शामिल हो गए हैं. दुश्मन को अब खबरदार होना होगा क्योंकि भारतीय वायुसेना की ताकत अब कई गुना बढ़ गई है. मंगलवार को वायुसेना में 8 अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल हुए, इस डील के मुताबिक कुल 22 विमान 2020 तक वायुसेना को मिलने वाले हैं.
सितंबर, 2015 में भारतीय वायुसेना ने बोइंग और अमेरिकी सरकार के साथ 3 बिलियन डॉलर की डील की थी, जिसमें 22 अपाचे लड़ाकू विमान और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर लेने की डील हुई थी. चिनूक हेलिकॉप्टर की पहली खेप भी इसी साल भारतीय वायुसेना में शामिल हुए और अब अपाचे हेलिकॉप्टर की ये खेप अब शामिल हुई है.
ये हेलिकॉप्टर लगातार चार से पांच घंटे तक ऑपरेशन में शामिल हो सकता है. इसके जरिए करीब 14 मिसाइलों को एक साथ दागा जा सकता है. (फोटो: सितंबर, 2015 में बोइंग द्वारा जारी की गई डील की प्रेस रिलीज़)
इसमें अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए भारत और बोइंग के बीच कुल 1.1 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ था, जो 22 हेलिकॉप्टर का था. पहली खेप 8 हेलिकॉप्टर की 3 सितंबर को मिली है तो वहीं 2020 के आखिर तक सभी हेलिकॉप्टर भारत को मिल जाएंगे. भारत को जो अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर मिल रहे हैं, वो AH-64E मॉडल हैं.
इस डील के बारे में कुछ बातें:
– 29 सितंबर, 2015 को बोइंग द्वारा जारी प्रेस स्टेटमेंट के मुताबिक, भारत और बोइंग के बीच ट्रेनिंग, प्रोडक्शन और समर्थन के लिए डील हुई थी.
– इसके अलावा 2017 में रक्षा मंत्रालय के द्वारा हथियार सहित 6 अपाचे हेलिकॉप्टर की डिलिवरी की डील की गई थी. बोइंग के साथ हुई इस डील की कीमत कुल 4168 करोड़ रुपये थी.
– जुलाई 2018 में बोइंग के अपाचे AH-64E ने भारतीय वायुसेना के लिए अपनी पहली उड़ान को भरा.
– 2018 में ही भारतीय वायुसेना की तरफ से कुछ जवानों ने अमेरिका में बोइंग और अमेरिकी वायुसेना के साथ ट्रेनिंग की थी.
– बोइंग की तरफ से अभी तक कुल 2200 अपाचे हेलिकॉप्टरों को दुनियाभर में डिलिवर किया जा चुका है.
– भारत ये आधुनिक लड़ाकू हथियार पाने वाला दुनिया का 14वां देश होगा.
– गौरतलब है कि अमेरिका से भारत को चिनूक मिल चुका है, अपाचे अब आ गया है. जल्द ही फ्रांस की तरफ से इसी महीने राफेल विमान भी भारत को मिलने वाला है.