भोपाल
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने झाबुआ में विद्युत उपभोक्ता सम्मेलन में कहा कि अब एक या दो व्यक्ति बिजली का बिल नही भरें, तो उनकी वजह से पूरे गांव की बिजली कटौती नहीं की जाएगी। यदि ऐसा करता हुआ कोई भी विभागीय अधिकारी/कर्मचारी पाया जाएगा, तो उसके विरूद्व सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता चाहे एससी /एसटी/ओबीसी हो या सामान्य वर्ग का, सभी उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली जलाने पर 100 रूपये बिजली बिल ही आयेगा। योजना में एक करोड़ 15 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। उसके बाद सरकार द्वारा निर्धारित स्लेब के अनुसार भुगतान करना होगा।
सिंह ने कहा कि प्रदेश के 19 लाख किसानों का बिजली बिल आधा किया गया है। अब उन्हें सिंचाई के लिए आधा बिल ही भरना पडेगा। पहले बिजली के करंट से गाय, भैंस, बैल, बकरी इत्यादि मवेशियों की मौत पर मुआवजा देने की व्यवस्था नहीं थी। अब आरबीसी 6 (4) के अनुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण के लिए वितरण केन्द्र स्तर पर समिति बनाई गई है। समिति की बैठक प्रत्येक मंगलवार को होती है। समिति में उपभोक्ताओं को भी सम्मिलित किया गया है।
मेघनगर में बनेगा स्थाई डिपो
झाबुआ जिले में डीपी की व्यवस्था के लिए मेघनगर में स्थाई डिपो बनाया जाएगा। पहले डीपी जलने के बाद डीपी बदलने का काम सात दिन में किया जाता था। अब जिले में जिस दिन डीपी जलेगी, उसी दिन बदली जाएगी। जिन फलीयो और गाँवों में विद्युतीकरण नहीं हुआ है, उनका भी शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जाएगा। सिंचाई के लिए किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध करवाये जायेंगे। विद्युत वितरण कंपनी में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए वर्ष 2000 से 2019 तक के सभी प्रकरणों पर विचार कर पात्रतानुसार नियुक्ति दी जाएगी। विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए टोल फ्री नम्बर 1912 जारी किया गया है।
उन्होने कहा कि कन्या विवाह के लिए राशि बढ़ाकर 51 हजार रूपये कर दी गयी है। पेंशन भी 300 से बढाकर 600 रूपये कर दी गयी है। मुख्यमंत्री मदद योजना में आदिवासी के घर पर किसी परिजन की मृत्यु पर बारहवाँ कार्यक्रम के लिए एक क्विंटल चावल या गेहूँ दोनों में से एक दिया जाएगा। यदि बच्चे का जन्म हो, तो संस्कार के लिए 50 कि.ग्रा तक गेहूँ या चावल दोनों में से एक दिया जाएगा।
अधिकारियों को ऊर्जा मंत्री के निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने मंत्रीसिंह ने विभागीय अधिकारियों की बैठक में योजनाओं की समीक्षा की । उन्होंने कहा कि सम्मेलन में जो निर्देश दिये गये हैं उनका समय-सीमा में क्रियान्वयन करें। बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण के लिए हर ग्रिड स्तर पर शिविर लगायें। ऊर्जा मंत्री ने मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी में कार्यरत नियमित/संविदा/आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याएँ सुनी एवं उन्हें समस्याओं के समाधान के लिए आश्वस्त किया।