देखी सुनी

एक बीमारी ही तो है, जो बगैर भेदभाव किए सब के साथ एक जैसा बर्ताव करती है

उमाशंकर तिवारी की कलम से

बीमारी जेड प्लस सुरक्षा, पद प्रतिष्ठा, नायक, महानायक, नेता और मंत्री से नहीं डरती

जेड प्लस सुरक्षा, पद प्रतिष्ठा से बीमारी नहीं डरती, एक बीमारी ही तो है, जो बगैर भेदभाव काम करती है। कोरोना बीमारी है, इंसान को ही हो रही है, लेकिन आज भी किसी नेता अभिनेता को यह बीमारी होने पर पब्लिक ऐसे प्रचारित करती जैसे कोई अजूबा हो गया हो। राजनेताओं, मंत्रीगण, महानायक अमिताभ बच्चन और मुख्यमंत्री को जब कोरोना पॉजिटिव बताया गया, तो सोशल मीडिया पर इस प्रकार खबरें आने लगी, जैसे शायद हमने पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया हो।

बीमारी है, इंसानों को ही हो रही है, अभी तक इंसानों में ही फैल रही है। हां यदि किसी जानवर या पेड़ पौधों में यह बीमारी पाई जाए तो आश्चर्य के साथ बताने की जरूरत है। जब-जब ऐसी बातें आती हैं, तब लगता है कि ऊपर से नीचे तक हम लोग समझदार कब होंगे। किसी के साथ अन्याय हो जाए, किसी के साथ नाइंसाफी हो, तो कहीं पेड़ कट रहे हों, पानी की बर्बादी हो रही हो, सड़कों में गड्ढे हों, सीवेज बह रहा हो, नरवाई जलाई जा रही हो, अधिकांश लोग सोशल मीडिया पर उस पोस्ट को भेजने से बचते हैं।

लेकिन किसी भी नेता, अभिनेता को कोरोना हो गया है, तो बिना देर किए रिश्तेदार, मित्र, दोस्त, कार्यालय के स्टाफ आदि को बताने में जुट जाते हैं। समाचार-पत्र एवं चैनल वाले भी अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं। खैर हम भारतीय हैं और बहुत बड़ी सोच हम लोग रखते हैं। शायद इसमें लोगों को कुछ अच्छा दिख रहा होगा।

कोरोना गरीब को व्यापारी को आमजन को हो सकता है, तो नेता, अभिनेता को क्यों नहीं हो सकता। एक बीमारी ही तो है, जो बगैर भेदभाव के गरीब अमीर सबको हो रही है। बीमारी में भेदभाव करने की शक्ति होती, किसी के काबू में होती, तो अमीर पैसे वालों एवं जेड प्लस सुरक्षा वालों को कभी नहीं होती। ईश्वर से प्रार्थना है कि कोरोना की वैक्सीन जल्दी आ जाए और सभी स्वस्थ हो जाएं।

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