राजनीति

एक देश, एक संविधान की राह में रुकावट थी धारा 370: PM मोदी

 नई दिल्ली 
महाराष्ट्र और हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियां जोर पर हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पुणे में रैली को संबोधित कर रहे हैं। यहां पूीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि- आपने 5 साल के लिए सरकार चुनी है। अभी 5 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में ही 5 वर्षों का खाका हमने खींच लिया है।

-जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी तेज़ी से हम गरीबी को हरा पाएंगे। जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी ही तेज़ी से मध्यम वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठा पाएंगे। जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी ही तेज़ी से युवाओं की आकांक्षाओं को हम पूरा कर पाएंगे।

-साल 2007 में First Trillion के पड़ाव तक पहुंचने में हमें 60 साल लगे। इसके बाद अगला Trillion जोड़ने में हमें करीब 8 साल लगे। लेकिन इसके बाद पिछली सरकार के सिर्फ 4 साल में करीब-करीब एक और Trillion हमने अपनी अर्थव्यवस्था में जोड़ दिया।

-जाहिर है, कुछ लोगों को ये लक्ष्य कठिन लगता है। उनको ये इसलिए लगता है क्योंकि वो इसको आंकड़ों की नज़र से देखते हैं। हम इसलिए आश्वस्त हैं क्योंकि हमें अपने ट्रैक रिकॉर्ड और अपने युवा साथियों के सामर्थ्य पर भरोसा है।

-स्पष्ट नीति और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के दम पर ही 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी के लक्ष्य को हम हासिल करके रहेंगे

-हमारा BHIM app और RuPay Card  आज एक बड़ा ब्रांड बन चुका है। RuPay Card तो दुनिया के अनेक देशों में अब सुविधा दे रहा है। आज भारत में 29 करोड़ RuPay Card उपयोग में हैं, जिनमें से करीब 2 करोड़ महाराष्ट्र में ही हैं।

-सुरक्षा हो, स्वच्छता हो या फिर स्पीड, एक साथ सभी मोर्चों पर काम किया जा रहा है। वंदे भारत और तेजस एक्स्प्रेस जैसी आधुनिक और तेज़ी से चलने वाली ट्रेनें अनेक जगह शुरु हो चुकी हैं।

-पुणे समेत हमारे तमाम शहरों में कनेक्टिविटी की एक बहुत बड़ी दिक्कत थी। बीते 5 वर्षों में जिस तेज़ी के साथ इसमें काम हुआ है, उसके परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं। पुणे से पंढरपुर तक पालकी महामार्ग जैसे हाईवे के अनेक प्रोजेक्ट्स से पुणे की कनेक्टिविटी सशक्त होगी।

-हाल में आपने देखा होगा कि सरकार ने Economy से जुड़े बड़े फैसले लिए हैं। भारत में मैन्युफेक्चरिंग को प्रमोट करने के लिए, यहां स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में भारी छूट दी है।

-विश्व भर में जितने भी बिजनेस लीडर्स से मेरी बात होती है, हर कोई भारत आने के लिए आतुर हैं। बीते 5 वर्ष में भारत में Investments की Growth में 5 गुणा की बढ़ोतरी हुई है। भारत आज दुनिया के अग्रणी FDI Friendly देशों में है।

-Skill Development के साथ-साथ निरंतर Skill Upgradation की ज़रूरत है। हमें ये काम करना ही है। सरकार हो, बिजनेस संस्थान हों या फिर हमारे युवा साथी, New India की नई इकॉनॉमी के लिए हमें तैयारी करनी ही होगी।

-तेज़ी से बदलती टेक्नॉलॉजी से एंप्लाईमेंट का नेचर बदल रहा है। स्किल सेट की डिमांड बदल गई हैं। ये हमारे युवा साथियों के सामने, हमारे इंजीनियर्स के सामने बहुत बड़ी चुनौती है

-मैं मानता हूं, ये जो फैसला लिया गया, वो आसान नहीं था। जब भी यथा स्थिति को हम बदलते हैं, तो प्रतिरोध स्वभाविक है, समस्याएं आना सामान्य है। लेकिन 21वीं सदी का भारत, डरकर, यथा स्थिति में नहीं रह सकता। 21वीं सदी का भारत चुनौतियों को कारपेट के नीचे दबाने का जोखिम नहीं ले सकता है।

-जब इनवेस्टमेंट आता है तो इंडस्ट्री बढ़ती है। इंडस्ट्री का विकास होता है तो इनोवेशन का कल्चर विकसित होता है।

-370 का हटना सिर्फ एक व्यवस्था का हटना नहीं है। इसका मतलब है: इंटीग्रेशन, इन्क्लूजन, इंडस्ट्री, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन। Integration से Inclusion को बल मिलता है। इनक्लूसिव सोसाइटी से इनवेस्टमेंट को बल मिलता है।

-क्या पहली बार किसी दल को लगातार दूसरी बार अवसर मिला है? जी नहीं। तो इस बार क्या परिवर्तन आया है? इसका जवाब ये है कि अब भारत संगठित है, सामूहिकता का भाव है और समस्याओं का सही समाधान चाहता है।

-70 साल से 370 की ये बहुत बड़ी रुकावट एक देश, एक संविधान की राह में खड़ी थी। इस रुकावट को दूर करने की बातें तो बहुत हुईं, लेकिन कभी किसी ने हिम्मत दिखाई नहीं। आखिर क्यों? क्या भारत के इतिहास में पहली बार प्रचंड बहुमत से सरकार बनी है? जी नहीं

-भारतीयों की इसी सामूहिक ताकत को हमारे समाज का सामर्थ्य बनाने का प्रयास लोकमान्य तिलक ने किया था। गणपति उत्सव के माध्यम से उन्होंने भारतीयों की उस चेतना को जगाया, उस सोच को झकझोरा, जो छोटे-छोटे मतभेदों, छोटी-छोटी बातों में दबी हुई थी। आपने 5 साल के लिए सरकार चुनी है। अभी 5 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में ही 5 वर्षों का खाका हमने खींच लिया है।

-पुणे प्रोग्रेसिव फार्मिंग की भी नर्सरी है और देश के स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन सेंटर भी है। पुणे देश के युवाओं को संस्कार भी देता है और स्किल, समझ और सरोकार से भी जोड़ता है।

-लोकतंत्र में जनादेश सबसे ऊपर होता है, लेकिन पुणे देश का वो सेंटर है जो देश और महाराष्ट्र की राजनीति और पॉलिसी दोनों को कसौटी पर कसता रहता है। यहां के समाज में संस्कारों की परख है तो इनोवेशन और नए आविष्कारों की भी परख है

-पुणे देश का वो सेंटर है, जो देश और महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स और पॉलिसी, दोनों को कसौटी पर कसता है। यहां के समाज को संस्कारों की भी परख है तो इनोवेशन और नए अविष्कारों की भी समझ है।

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