मंदसौर
एक शांत जनपद के तौर पर जाना जाने वाला मध्य प्रदेश का मंदसौर (Mandsaur) एक के बाद एक हत्याओं से कांप उठा है और हत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को विहिप नेता युवराज सिंह (VHP leader Yuvraj Singh) की हत्या ने जनपद की क़ानून-व्यवस्था (Law and order) पर फिर से सवालिया निशान लगा दिए हैं. इस वारदात के बाद भाजपा (BJP) समेत सभी विपक्षी दलों ने घटना की निंदा करते हुए निष्पक्ष जांच कराए जाने की प्रदेश सरकार से मांग की है.
गौरतलब है कि 17 जनवरी 2019 नगरपालिका अध्यक्ष और भाजपा नेता प्रहलाद बंधवार (BJP leader Prahlada Bandhwar) की सरेआम गोली मारकर हत्या. 10 अप्रैल 2019 डायमण्ड ज्वेलर्स (Diamond jewelers) के संचालक अनिल सोनी की गोली मारकर हत्या और फिर बुधवार को विहिप नेता और केबल व्यवसाई युवराज सिंह चौहान (VHP leader Yuvraj Singh) की गोली मारकर हत्या. 9 महीने में 3 बड़ी हत्याएं, बेखौफ होकर बदमाश जघन्य वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. क़ानून और पुलिस व्यवस्था को लगातार चुनौती मिलने के बावजूद पुलिस इन अपराधियों के सामने बौनी नजर आ रही है.
हालांकि बुधवार को मारे गए केबल व्यवसाई युवराज सिंह के कुख्यात माफ़िया सुधाकर राव मराठा से गहरे ताल्लुकात भी बताए जा रहे हैं. मंदसौर में हत्याएं, बलात्कार अब आम घटनाएं हो गई हैं, 8 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की बड़ी घटना के बाद पिछले 9 महीने में 3 बड़े लोगों की हत्या हो गई है. सबसे पहले नगर पालिका अध्यक्ष भाजपा नेता प्रहलाद बंदनवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोपी मनीष ने पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि उसने 25 हज़ार रुपयों के लिए हत्या की थी. दूसरी घटना डायमंड ज्वेलर्स के मालिक अनिल सोनी के साथ हुई थी. यह घटना 10 अप्रैल 2019 की है जिसमें आरोपी चुन्नूलाला और उसके साथियों ने एक करोड़ की फिरौती के बदले अनिल सोनी की हत्या कर दी थी. इस कांड का मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
पुलिस अभी अप्रैल में हुई हत्या के मामले को सुलझा ही नहीं पाई थी कि विश्व हिंदू परिषद के विभाग सहमंत्री ओर केबल संचालक युवराज सिंह चौहान की बुधवार सुबह 11 बजे बाइक सवार तीन बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. बाइक सवार बदमाशों ने गीता भवन अंडरपास के पास एक चाय की दुकान पर युवराज सिंह चौहान को सिर और सीने में गोली मारी जिससे युवराज सिंह की मौत हो गई हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई.
युवराज सिंह की हत्या के बाद जहां विश्व हिंदू परिषद, करणी सेना और भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार से घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है. वहीं करणी सेना ने घटना की सीबीआई जांच की मांग कर डाली है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की निंदा करते हुए आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की साथ ही शिवराज सिंह ने कानून व्यवस्था को लेकर कमलनाथ सरकार को आड़े हाथों लिया. पुलिस का दावा है कि उन्होंने आरोपियों की पहचान कर ली है और शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी पुलिस ने अभी तक 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है.
इस आपराधिक वारदात के बाद पुलिस अधीक्षक हितेश चौधरी के अलावा उज्जैन रेंज के आईजी राकेश गुप्ता और डीआईजी रतलाम गौरव राजपूत मंदसौर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया तथा वारदात के संबंध में पुलिस अधिकारियों और चश्मदीदों से पूछताछ की. विपक्ष का कहना है कि जनपद की कानून-व्यवस्था सवालों के घेरे में है. बड़ा सवाल यह है कि पिछले 9 महीने में तीन बड़ी वारदात हो गईं, अपराधी बेखौफ होकर हत्या कर रहे हैं. कानून और पुलिस नाम का अपराधियों में खौफ नहीं है. घटना के बाद पुलिस हाथ पैर मारती है लेकिन अपराधों पर नियंत्रण नहीं लगा पा रही है.
मंदसौर के स्थानीय निवासियों का कहना है कि कभी मंदसौर शांति का टापू कहा जाता है और अब मंदसौर जैसे शहर में अगर इस तरह की वारदात होती रहेगी तो यहां के लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा. युवराज सिंह चौहान आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हुए थे तो उनका केबल नेटवर्क का कारोबार भी था. सूत्रों के मुताबिक़ कुख्यात माफिया सुधाकर राव मराठा से युवराज सिंह के गहरे ताल्लुकात थे और संदीप तेल हत्याकांड में कहीं ना कहीं युवराज सिंह की सुधाकर राव मराठा से नज़दीकियां सुधाकर के विरोधियों को खल रही थी.
केबल नेटवर्क को लेकर भी मंदसौर में केबल ऑपरेटरों के बीच तनातनी चल रही थी. सूत्रों के अनुसार युवराज सिंह चौहान सुधाकर राव मराठा के कई जमीनी सौदों में शामिल थे जिसके चलते भी युवराज सिंह चौहान की हत्या हो सकती है. फिलहाल पुलिस हर एंगल पर अभी जांच कर रही है. लगभग 15 टीम अलग-अलग इलाकों में बदमाशों की सर्चिंग कर रही है, देखना होगा पुलिस कब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा करती है.