नई दिल्ली
भारतीय शेयर बाजार (सेंसेक्स और निफ्टी) में आज यानी शुक्रवार को एक और बड़ी गिरावट के आसार हैं। महामारी घोषित होने के बाद कोरोना का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी शेयर मार्केट डाउ जोंस में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड गिरावट के बाद बंद हुआ। डाउ जोंस गुरुवार को 2352 अंकों की गिरवाट के साथ बंद हुआ। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी बाजार में इस गिरावट का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़ना तय है। अगर पिछले दिन का ट्रेंड देखें तो बुधवार रात को जब डाउ जोंस में 1464 अंक की गिरावट दर्ज की गई थी, तब अगले दिन गुरुवार को सेंसेक्स में 2919 अंकों की एतिहासिक गिरावट के साथ बंद हुआ। यानी अगर ट्रेंड के मुताबिक देखें तो भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार एक और 'ब्लैक फ्राइडे' साबित होगा।
डाउ जोंस में 15 मिनट के लिए ट्रेडिंग बैन
डाउ जोंस में गिरावट को देखते हुए लोअर सर्किट ब्रेकर लागू किया गया, इसके चलते ट्रेडिंग 15 मिनट तक रोकनी पड़ी। शेयर बाजार में अगर 10% या उससे ज्यादा की गिरावट दर्ज की जाती है, तो लोअर सर्किट लग जाता है और शेयर ट्रेडिंग रोक दी जाती है। इसके अलावा नैसडैक 9.43%, एसएंडपी 9.51%, हैंगसैंग 3.66%, सीएसी 12.28% निक्केई 9.48% टूट गया।
वॉल स्ट्रीट के 1987 के ब्लैक मंडे क्रैश के बाद वॉल स्ट्रीट को अपनी सबसे बड़ी गिरावट का सामना करने के बाद जापान के बेंचमार्क 10% डूबा। एशिया के शेयर बाजार भी औंधे मुंह गिरे हैं। कोरोनोवायरस संकट के कारण दुनिया भर के बाजारों से निवेशक आर्थिक गिरावट की आशंका के चलते निवेश से पीछे हट गए हैं और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी संकट में है।
सेंसेक्स ने लगाया 2919 अंक का गोता
बता दें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कोरोना को विश्वव्यापी महामारी घोषित करने के बाद बुधवार को दुनिया भर के शेयर बाजारों में भूचाल आ गया था। भारतीय शेयर बाजार अबतक के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2919 अंक गोता लगाने के बाद 32,778.14 के स्तर पर बंद हुआ। यह 52 हफ्ते का सबसे निचला स्तर है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 825 अंकों के भारी नुकसान के साथ 9,633.10 के स्तर पर बंद हुआ।
निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये डूबे
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 को पैनडेमिक (विश्वव्यापी महामारी) माना जा सकता है। इसके बाद दुनिया भर के शेयर बाजार में ही महामारी फैल गई। दलाल स्ट्रीट पर मची इस तबाही में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये डूब गए और बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 127 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो बुधवार को कारोबार बंद होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था।