नई दिल्ली
एयर इंडिया में 56,000 करोड़ रुपये निवेश के बाद भी यह नुकसान से नहीं उबर पा रही है। नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने गुरुवार को कहा कि एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 4,685.24 करोड़ रुपये का परिचालन संबंधी घाटा हुआ। लोकसभा में वीके श्रीकंदन के प्रश्न के लिखित उत्तर में पुरी ने यह जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि इस विमानन कंपनी को 25,509 करोड़ रुपये का प्रचालन राजस्व हुआ तो प्रचालन व्यय 30194 करोड़ रुपये का खर्च हुआ।
कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी
बुधवार को सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया (AI) के निजीकरण होने तक इसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने का आश्वासन देते हुए कहा है कि इनकी नौकरी नहीं जाने दी जाएगी। पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश में कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए ही कोई समझौता किया जाएगा।
कंपनी में सैलरी संकट से किया इनकार
उन्होंने एयर इंडिया में आर्थिक संकट को देखते हुए वेतन नहीं मिलने के कारण पायलटों द्वारा नौकरी छोड़ने से जुड़े एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि वित्तीय संकट की बात सही है, लेकिन वेतन नहीं मिलने के कारण किसी पायलट द्वारा नौकरी छोड़ने की जानकारी, मंत्रालय के संज्ञान में नहीं आई है।
विनिवेश से पहले बकाया वेतन का होगा भुगतान
पुरी ने कहा कि एयर इंडिया जब वित्तीय संकट के दौर में थी, तब कुछ कर्मचारियों का 25 प्रतिशत वेतन भुगतान विलंबित था। उन्होंने कहा कि विनिवेश की प्रक्रिया पूरी होने तक इन कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा।